शिलाई (एमबीएम न्यूज): ट्रांसगिरि क्षेत्र की दुगाना पंचायत के नेड़ाढाल के 100 परिवार सडक़ सुविधा को सपने में देखते हैं। लेकिन 20 साल से इस सपने को हकीकत बनते देखना चाहते हैं। हैरानी की बात यह है कि यह क्षेत्र सडक़ से नहीं जुड़ पाया।
सामान ढोते खच्चर। जंगल से होकर स्कूल जाते बच्चे।इलाके का युवा वर्ग इस बात को हर मंच पर उठाने को तैयार हो रहा है। जंगल के रास्ते पांच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करने के बाद कफोटा पहुंचते हैं। स्कूल के बच्चों को दो घंटे की खड़ी चढ़ाई पूरी करने के बाद जंगल के रास्ते गुजर कर स्कूल पहुंचना पड़ता है। सर्दी हो या गर्मी या फिर बारिश या तूफान। हर हाल में पैदल ही चलना पड़ेगा।
बीमारी के वक्त मरीजों को मेज पर या फिर दो डंडों के बीच कपड़ा बांध कर कफोटा पहुंचाया जाता है। गांव के लिए राशन पीठ पर लादा जाता है। कुछ आर्थिक तौर पर मजबूत लोग खच्चरों का भी सहारा लेते हैं। फसलें उग जाती हैं, लेकिन मंडियों तक नहीं पहुंच पाती। 21वीं सदी के इस युग में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण क्षेत्र के युवा वर्ग में निराशा का माहौल है।
क्षेत्र के युवा रोबिन कुमार, विपिन, कमलेश, मुकेश शर्मा, संदीप कुमार, कुलदीप, सुरजीत सिंह, पंकज, परवीन, कुलदीप व अनुज पुंडीर इत्यादि ने एमबीएम को गांव के हालात की तस्वीरें भेजते हुए साफ लहजे में कहा है कि जल्द ही इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो मजबूरन कड़े फैसले लेने पडेंगे।