मंडी (वी कुमार) : एक फरवरी को भारत सरकार का वर्ष 2017-18 का वार्षिक बजट पेश होने जा रहा है। ऐसे में सरकार के इस आम बजट से आम लोग ढेर सारी उम्मीदें लगाए बैठे हैं।
एमबीएम न्यूज़ ने बजट को लेकर विभिन्न वर्गों के साथ बात की और उनकी राय जानने का प्रयास किया कि आखिर वह भारत सरकार के बजट से किस प्रकार की उम्मीदें रखते हैं। विभिन्न वर्गों के लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। मंडी शहर के कारोबारी राजा सिंह मल्होत्रा ने कहा कि भारत सरकार को आयकर में छूट देनी चाहिए। साथ ही ब्याज दरों में भी कटौती करनी चाहिए ताकि कारोबारियों को इससे राहत मिल सके, क्योंकि नोटबंदी के कारण कारोबार पर काफी ज्यादा विपरीत प्रभाव पड़ा है।
वहीं दुकानदार बीरबल शर्मा का मानना है कि आयकर सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर 4 लाख कर देना चाहिए। जीएसटी बिल को तुरंत प्रभाव से लागू करके इंस्पैक्टरी राज को समाप्त किया जाए, ताकि दुकानदारों को आसानी से काम करने का लाभ मिल सके। वहीं सरकारी कर्मचारी कुलदीप शर्मा भी आयकर सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर 4 लाख करने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
कुलदीप शर्मा का कहना है कि इससे लाखों कर्मचारियों और अन्य लोगों को राहत मिलेगी। गृहणी सरिता हांडा का मानना है कि पेश किए जाने वाले बजट में गरीब और मध्यम वर्ग का पूरा ख्याल रखा जाए। कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि कम आय वाले परिवारों के सपने भी पूरे हो सकें। सरिता हांडा के अनुसार नोटबंदी के बाद इस बार पेश होने वाले बजट से ऐसे वर्गों को ढेर सारी उम्मीदें हैं।
वहीं गृहणी उर्मिला शर्मा का कहना है कि महिलाओं को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। महंगाई पर लगाम लगे और रोजमर्रा की जो वस्तुएं हैं उनपर लगने वाले टैक्स में छूट दी जाए। सेवानिवृत कर्मचारी कृष्ण पाल शर्मा की मानें तो वह भी आयकर में छूट की आस लगाए बैठे हैं।
इसके साथ ही सेवानिवृत कर्मचारी गरीबों को घर बनाने के लिए मिलने वाले लोन में और ज्यादा छूट देने की मांग भी भारत सरकार से कर रहे हैं। साथ ही निशुल्क शिक्षा की आस भी केंद्र सरकार से की जा रही है। ताकि बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित न रह सकें। युवाओं की मानें तो युवा वर्ग सरकार से रोजगार की आस लगाए बैठे हैं। बेरोजगार युवा अश्वनी कुमार और राजेश कुमार का मानना है कि भारत सरकार को सरकारी और नीजि क्षेत्र में रोजगार के ढेरों दरबाजे खोलने चाहिए ताकि बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
इसके साथ ही युवा स्वरोजगार के लिए भी नई नीतियां बनाने की आस में हैं। ताकि जो युवा अपना रोजगार चलाना चाहता है उसे इसका लाभ मिल सके। भारत सरकार के आम बजट पर जब कांग्रेसी नेताओं की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने चुनावी बेला में पेश किए जा रहे बजट का विरोध किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र शर्मा का कहना है कि जब देश के 5 राज्यों में चुनाव हो रहे हों तो ऐसे माहौल में बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए।
देवेंद्र शर्मा के अनुसार जब केंद्र में यूपीए सरकार थी तो उस वक्त भी चुनावों के चलते बजट की तारीख को आगे किया गया था लेकिन मौजूदा सरकार ऐसा नहीं कर रही है जोकि गलत हैं।