मंडी (वी.कुमार) : हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य महामंत्री एन.आर. ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले 4 वर्षों में सिवाए कर्मचारियों को छलने के और कोई काम नहीं किया। दो संयुक्त सलाहकार समिति की बैठकें बेनतीजा साबित हुई। चुनावी वर्ष में बुलाई गई संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में केवल दो प्रतिशत महंगाई भता देकर कर्मचारियों और पैंशनरों को मजाक उड़ाया गया। जो महंगाई भता 7 प्रतिशत के हिसाब से जुलाई 2016 से देय था उसे जनवरी 2017 में 7 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत देकर कर्मचारियों की खिल्ली उड़ाई गई।
एन.आर. ठाकुर ने कहा कि इस फैसले का महासंघ कड़ा विरोध करता है और इस संदर्भ में महासंघ ने हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव और वित सचिव को एक पत्र लिखकर चेताया है कि महंगाई भते की किस्त को 2 प्रतिशत की जगह 7 प्रतिशत के हिसाब से अविलंब जारी करने की घोषणा करें अन्यथा सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा कर्मचारी, मजदूर और पैंशनरों के हितों की अनदेखी की है। कर्मचारी हितैषी होने का नाटक रचने वाली कांग्रेस सरकार आज प्रदेश के कर्मचारियों को बताए कि उन्होंने पिछले चार सालों में कर्मचारी हित में क्या किया। कांग्रेस सरकार का संपूर्ण कार्यकाल कर्मचारी हितों को अमलीजामा पहनाने हेतु शून्य रहा है। सरकार के चुनावी वायदे हवा-हवाई हो गए। 4-9-14 का लाभ 2006 से देने का वायदा झूठे आश्वासनों के पिटारे में उलझता हुआ नजर आ रहा है। सेवानिवृति की आयु को बढ़ाने का फैसला ठुकरा दिया गया है जबकि अपने चहेते अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद भी सेवा विस्तार दिया जा रहा है। अनुबंध कर्मचारियों को 3 वर्ष में नियमित करने की योजना खटाई में पड़ गई है। मजदूरों की दिहाड़ी नहीं बढ़ रही है, दैनिक भोगी और पार्ट टाईम नियमित होने की बाट जोह रहे हैं, पैंशनरों को अपनी पैंशन लेने के लाले पड़े हैं, प्रदेश के डॉक्टर हड़ताल पर हैं और हजारों खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार उदासीन है।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने कर्मचारियों को सिवाए जख्मो के और कुछ नहीं दिया। सरकार जल्दी संभल जाए और कर्मचारियों से किए गए वायदों को शीघ्र अमलीजामा पहनाए अन्यथा कर्मचारी पाई-पाई का हिसाब लेंगे।