मंडी (वी कुमार): सोमवार को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार में हिमाचल की धमक भी मौजूद रही, क्योंकि बहादुर की बेमिसाल इबारत लिख चुके 11 वर्षीय प्रफुल्ल को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जांबांजी को लेकर अलंकृत किया। एक सप्ताह से प्रफुल्ल राजधानी में ही है। देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी समेत बहादुर बच्चों ने देश की कई नामी हस्तियों से मुलाकात की।
प्रफुल्ल को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से अलंकृत करते पीएम नरेंद्र मोदी।इस समारोह की खास बात यह रही कि देश के 25 बहादुर बच्चों का सीधा संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुआ। 11 साल की उम्र में प्रफुल्ल ने बहादुर की क्या मिसाल लिखी थी, पूरा प्रदेश जानता है। इंडियन काऊंसिल फॉर चाइल्ड वैलफेयर ने इस पुरस्कार की शुरूआत 1957 में की थी।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से अपनी खुशी के पल साझा करते हुए प्रफुल्ल शर्मा ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समारोह के दौरान सीधा संवाद हुआ। प्रफुल्ल ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए बहादुर बच्चों से मिलकर काफी अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि सबसे भावुक बात यह थी कि चार बहादुर बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार मिला था।
प्रधानमंत्री ने बहादुरी के पराक्रम को पुन: दोहराने को लेकर प्रेरित किया। फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार हासिल करने वाला प्रफुल्ल राज्य का पहला बच्चा है। इस पुरस्कार को हासिल करने पर बहादुर बच्चे को पढ़ाई में पूरी वित्तीय मदद मिलती है। साथ ही छात्रवृति का भी प्रावधान होता है। राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर पर भी बहादुर प्रफुल्ल को प्रोत्साहित कर सकती है। इस मौके पर केंद्रीय व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थी।
क्या था बहादुरी का किस्सा, इस लिंक पर उपलब्ध।https://goo.gl/eUNNVu