शिमला (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसी में सोमवार को स्वास्थ्य सेेवा बेपटरी हो गई। रैजिडेंट डाॅक्टरों की हड़ताल का अस्पताल में खासा नजर आए। ऐसे सभी ऑपरेशन टाल दिए गए जो इमरजेंसी की श्रेणी में नहीं आते। ओपीडी बिल्कुल ठप्प रही और मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। दूरदराज क्षेत्रों से आईजीएमसी पहुंचे मरीजों को दिक्कतें हुईं। वार्डों में भर्ती मरीजों को देखने डाॅक्टर नहीं पहुंचे, ऐसे में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज परेशान हुए। आपातकाली सेवाएं भी हड़ताल की वजह से प्रभावित रहीं। हालांकि प्रशासन ने आपातकाल सेवा दुरूस्त रहने का दावा किया।
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को वर्किंग डे होने के कारण आईजीएमसी में करीब 35 आपरेशन होने थे, लेकिन डाॅक्टरों के उपलब्ध न होने के कारण ये आपरेशन नहीं हो पाए। ऐसे में अब इन आपरेशनों की तिथियों को आगे बढ़ा दिया गया है।
अन्य सरकारी अस्पतालों में भी आज स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह लडखडाई नजर आई। गौरतलब है कि प्रदेश में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसक घटनाओं व उनकी लंबित पड़ी मांगों के चलते ही वे आज सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।
रैजिडेंट डाॅक्टर एसोेसिएशन के बैनर तले प्रदर्शनकारी डाॅक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 24 फरवरी को सभी मेडिकल ऑफिसर्स सामूहिक त्यागपत्र देंगे। एसोसिएशन के प्रेस सचिव डॉ विनीत ने बताया कि प्रदेश में डॉक्टरों के साथ हो रही प्रताड़नाओं के खिलाफ नॉन बेलएबल मीडिया पर्सन्स एक्ट लागू करने को लेकर एक डिमांड चार्ट प्रदेश सरकार को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी तक 10 दिनों के लिए काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया जाएगा। जबकि 3 से 12 फरवरी तक सुबह 9 से 11 बजे तक रोज पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे। इसके बाद 13 फरवरी को डाक्टर्स फिर से सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।