मंडी (वी कुमार) : एनआईटी हमीरपुर के लापता छात्रों की तलाश पदयात्रा से हुई है। 20-20 सदस्यों की दो टीमें तलाश में निकल गई हैं। हैरानी है कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए बड़ी-बड़ी तैयारियां की जाती हैं, लेकिन यहां घर के होनहार लाडलों को विकट परिस्थितियों में तलाश करने के लिए हैलीकॉप्टर तक मुहैया नहीं हो पाया है।
प्रश्र इस बात पर भी उठा है कि इस सर्च ऑपरेशन में राज्य सरकार सेना से क्यों मदद लेने में कतराती है। आंशका जताई जा रही है कि लापता छात्र शिकारी देवी मंदिर के नजदीक फंसे हो सकते हैं। 6 जनवरी के बाद कोई संपर्क नहीं हुआ है। हालांकि दो छात्रों के परिजनों ने ही जंजहेली प्रशासन को संपर्क साधा है। उन्होंने ही प्रशासन को चार छात्रों के शिकारी मंदिर जाने की बात कही है। इस क्षेत्र में 10 फुट के आसपास बर्फबारी हुई है।
चारों ही छात्र किस हालात में होगें, इस बात पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि यह भी संभावना है कि इन छात्रों ने मंदिर में सराय या फिर गुज्जरों के पशुओं के डेरे में शरण ली हुई हो। संभावना यह भी है कि छात्र बूढ़ा केदार में भी हो सकते हैं। सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि दोबारा बर्फबारी का पूर्वानुमान है। बताया जा रहा है कि बूढ़ा केदार के आगे कोई बस्ती नहीं है। इस इलाके में भी काफी दिनों से बिजली नहीं है, साथ ही रास्ते भी क्षतिग्रस्त हैं।
लापता छात्रों में दो एमबीए व दो बीटेक के छात्र हैं। फिलहाल लापता छात्रों में अक्षय कुमार व दूसरा नवनीत राणा के नामों का ही पता चला है। सुबह एक टीम भुलाह व दूसरी बूढ़ा केदार की तरफ से शिकारी देवी को नापने निकली है। डीसी संदीप कदम का कहना है कि सरकार से सर्च आपरेशन के लिए हैलीकॉप्टर मांगा गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी गंभीरता से छात्रों की तलाश कर रहा है।