इक नई सुबह का आगाज हो रहा है,
जो ना हुआ था पहले वो आज हो रहा है
जो था घना अधेंरा, रोशनी मे ढल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
आने से बस तुम्हारे कई खवाब जिंदा हो गए
जो हाथ थे लुटेरे वो भी शरमिंदा हो गए
भय मुक्त होकर देश सारा, घर से निकल रहा है
दिल मेरा कह रहा है भारत बदल रहा है।
जो हाथ पहले बंधे थे, वो हाथ तुमने खोले
और कह दिया सेना को, वो अपनी बोली बोलें
उसका असर तो देखो, दुश्मन दहल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
कई योजनाओं से तुमने, घर लोगों के संवारे
किया है विकास ऐसा, जिसे देखते है सारे,
देश अब विकास की, राहों पे चल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
डिजिटल किया ये इंडिया, और मेक इन इंडिया
जन धन की योजना दी और चूल्हा घर-घर आया
देश मे फिर इक नया, सूरज निकल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
अब नोट बदीं करके, ऐसा तमाचा मारा
भ्रष्टाचारियों का काला धन, मिट्टी हो गया सारा
हर कदम ये देश अब, तुम्हारे साथ चल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
अब आस भी तुम ही हो, विश्वास भी तुम्ही हो
तुम ही हो दिल की धडक़न और श्वास भी तुम ही हो
जो गिर गया था पहले, वो फिर संभल रहा है
दिल मेरा कह रहा है, भारत बदल रहा है।
बस अंत में कहुं इतना, इक ऐसी सुबह लाओ
सोने की थी जो चिडिय़ा, फिर सोने की बनाओ
अब देखने को वो दिन, मेरा दिल मचल रहा है
दिल मेरा कह रहा हैए भारत बदल रहा है।
काव्य संग्रह –
अरविंद शर्मा