राजगढ़ (एमबीएम न्यूज़) : रविवार को शिरगुल की शाया में, नौतबीन के श्रद्धालुओं की एक बैठक सम्पन्न हुई जिसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग ले कर शिरगुल देवता मंदिर निर्माण के प्रथम चरण का अवलोकन किया तथा आगामी निर्माण के बारे में चर्चा की। यह बैठक देवकार्य प्रमुख (ठगड़ा) ठाकुर रणवीर सिंह शावगी ने, देवता द्वारा ‘‘धा’’ करने के आदेशानुसार आयोजित की थी। ‘‘धा’’ करने का मतलब, नौतबीन के श्रद्धालुओं को बुलाना तथा देव-आज्ञा को सुनकर देव-कार्य करना होता है।
इसी संदर्भ में हुई बैठक में ठगड़ा रणवीर सिंह ने कहा कि फटगांवी क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने 72 दिनों तक रातदिन काम करके, देव-आज्ञानुसार नौ सीढि़यों, दसवें चाकला और पौल (प्रवेश द्वार) का निर्माण पूर्ण किया है। ज्ञात रहे 2013 में शिरगुल महाराज का मंदिर आग की भेंट चढ़ गया था जिसके चलते नया निर्माण आरंभ किया गया है। इसी निर्माण के प्रथम चरण में ये तीन आवश्यक निर्माण होते हैं, जिन्हें शनिवार को पूरा कर लिया गया था।
देवकार्य प्रमुख रणवीर सिंह ने नौतबीन के श्रद्धालुओं की तरफ से फटगांवियों का आभार प्रकट किया तथा उनकी देवभावना की प्रशंसा की। इसी के साथ उन्होंने ठाणा-धार के मावियों का भी आभार प्रकट किया जिन्होंने एक ही आवाज पर देवकार्य में आ कर देवता के प्रति अपनी श्रद्धा से कार्य में हाथ बंटाया। उन्होंने कहा कि अब अंतिम कार्य इस पौल और वैकल्पिक मंदिर पर कूरूड़ लगाने का है जो महूर्त के अनुसार लगाया जाएगा।
आगामी कार्य, मंदिर के जले हुए अवशेष को साफ करने का है। इस बाबत निर्माण कमेटी के प्रधान अमरसिंह ने अपने संबोधन में यह आशय उजागर करते हुए कहा कि उन्हें श्रद्धालुओं का पूर्ण सहयोग चाहिए, ताकि निर्माण कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा किया जा सके। जिसके लिए हर तबीन (क्षेत्र) से दो दो श्रद्धालुओं को कमेटी के सदस्य के रूप में चुना गया जो स्थाई कमेटी का सहयोग करेंगे।
इनके अलावा अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए जिनमें प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें खुशी है कि मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है जिसमें सभी तबीनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने अपनी ओर से सलाह देते हुए कहा कि इस मंदिर में उभरा विवाद यदि किसी तरह से समाप्त हो जाए तो देवता के प्रति यह हमारी सबसे से बड़ी भेंट होगी।
आगामी निर्माण के बारे में जब घणिता यशवंत से (देओ रे बागुर) पूछा गया तो उन्होंने देव वाणी के माध्यम से बताया कि मेरी आज्ञा तो है परन्तु यह मंदिर मेरे छोटे भाई दधेश्वर का भी है उन्हें भी पूछना पडे़गा। उसके बाद दघेश्वर की हवा भी पूछी गई जिसमें घणिता क्षमादत्त ने देव वाणी में कहा कि जब बड़े भाई ने आ़ज्ञा दे दी है तो मैं भी सहमत हूं। ज्ञात रहे इस बैठक में नौणी विश्व विद्यालय के पूर्व वीसी डा0 जगमोहन सिंह ठाकुर, वकील प्रीतम ठाकुर एवं वकील यशपाल चौहान भी उपस्थित थे।