धर्मशाला (एमबीएम न्यूज): हिमाचली बेटियां लीक से हटकर अपना कैरियर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसका सीधा उदाहरण 24 साल की वासवी ने पेश किया है। गुगल ऑपरेशन में मैनेजर के पद पर बेटी सफलता का फलक छू रही है। इस ओहदे के लिए वासवी का चयन दिल्ली में पढ़ाई के दौरान कैंपस प्लेसमेंट से ही हो गया। विश्व की नामी बहुराष्ट्रीय कंपनी गुगल से हर कोई वाकिफ है। यहां बेटी का बड़ा ओहदा हासिल करना छोटी बात कतई नहीं हो सकती।
गुगल इंडिया के हैदराबाद मुख्यालय में तैनाती देने के बाद वासवी अब गुरुग्राम में तैनात है, जहां वासवी को ऑपरेशन हैड करने की जिम्मेदारी दी गई है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो अगले कुछ महीनों में वासवी गुगल के मुख्यालय कैलिफोर्निया पहुंच जाएगी। वासवी के पिता नवनीत मारवाह, दवा नियंत्रक के अहम ओहदे पर बद्दी में तैनात हैं। पिता भी अपनी डयूटी के प्रति कर्तव्यपरायणता के लिए जाने जाते हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क वासवी को खूबसूरत कैरियर के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करता है।
पढ़ाई का Background….
24 साल की बेटी ने सिद्धबाड़ी स्कूल में दसवीं तक की शिक्षा हासिल की। होनहार स्टुडेट थी। जमा दो की पढ़ाई चंडीगढ़ से पूरी की। इसके बाद एमआईटी विश्वविद्यालय से बी टेक पूरी की। चूंकि पढ़ाई में तेज थी, लिहाजा अकादमिक रिकॉर्ड के बूते वासवी की शिक्षा निशुल्क कर दी गई। इसके बाद वासवी ने पढ़ाई का सिलसिला जारी रखते हुए आईएमआई दिल्ली में दाखिला ले लिया, जहां पीजीडीएम की पढ़ाई करनी थी। यहीं से वासवी के लिए गुगल के दरवाजे खुले। स्कूल के वक्त से वासवी को रचनात्मक लिखावट के साथ-साथ कविताओं का भी शौक रहा। गुगल तक पहुंचने के लिए वासवी को लेखन के प्रति दिलचस्पी भी मददगार साबित हुई।
पारिवारिक पृष्ठभूमि।
पिता नवनीत मारवाह ड्रग महकमे में दवा नियंत्रक हैं, वहीं मा गृहणी है। पिता ने बेटी को कई मैनेजमेंट टिप्स दिए, जो वासवी की प्रोफैशनल लाइन में मदद कर रहे हैं। छोटा भाई विवेक चंडीगढ़ में हाई स्कूल की पढ़ाई कर रहा है। पिता नवनीत मारवाह का कहना है कि वासवी का परिवार से गहरा लगाव है। काफी व्यस्त रहने के बावजूद न केवल फोन कॉल करती है, बल्कि एक दिन की छुट्टी मिले तो घर आ जाती है।