शिमला (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल शिवसेना ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत पर कड़ा प्रहार करते हुए आज आरोप लगाया कि वह राज्य सूचना आयुक्त केडी बातिश की नियुक्ति मामले को ठण्डे बस्ते में डालकर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
शिवसेना के राज्य प्रवक्ता बृज लाल ने आज यहां पत्रकारवार्ता में कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार के समय बतौर सूचना आयुक्त केडी बातिश की हुई थी, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने इस नियुक्ति को अयोग्य घोषित कर दिया था। सात माह पूर्व शिवेसना ने राज्यपाल को इस बाबत ज्ञापन पत्र सौंप कर केडी बातिश को सूचना आयुक्त के पद से हटाने की मांग की थी। लेकिन राज्यपाल ने इस मामले पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की।
बृज लाल ने कहा कि केडी बातिश को पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किया गया था, लिहाजा बातिश को न हटाने के पीछे यही सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि अब बातिश का कार्यकाल चार माह का बचा है और इस मामले को हल्के में लेकर राज्यपाल उनके कार्यकाल को पूरा करना देने चाहते हैं।
बृज लाल ने कहा कि पिछले दिनों राज्यपाल ने दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के मामले पर बेहद गंभीरता दिखाई थी, लेकिन सूचना आयुक्त के मसले पर उनकी चुप्पी आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि सूचना आयुक्त के ओहदे पर बैठे केडी बातिश वर्ष 1982 में भाजपा की टिकट की मांग कर चुके हैं। उनका कहना था कि बातिश के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए राज्यपाल ने जांच कमेटी तक का गठन नहीं किया। जबकि आरटीआई एक्ट के तहत उन्हें राज्य सूचना आयुक्त के खिलाफ कानूनी उन्हें हटाने की शक्तियां प्राप्त हैं, बावजूद इसके बातिश के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई।
बृज लाल ने चेताया कि राज्यपाल ने अगले 20 दिनों में बातिश के खिलाफ कार्यवाही नहीं की, तो शिवसेना सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।