शिमला (एमबीएम न्यूज़) : राज्य में डैंटिस्ट डाक्टरों की बैचवाईज भर्ती के लटकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आईजीएमसी के डैंटिस्ट कालेज और अस्पताल के छात्र व प्रशिक्षु डाक्टर सोमवार को हड़ताल पर चले गए। बीते चार साल से राज्य में डैंटिस्ट डॉक्टरों के पद न भरने से यह नाराज हैं। इनका कहना है कि चार साल के कोर्स के बाद भी डैंटिस्ट डॉक्टरों को नौकरी नहीं मिल रही है और वे बेकार घूम रहे हैं। जबकि सरकार उनकी मांगों पर खामोश है।
इन्होंने सरकार पर डैंटिस्ट के प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। प्रशिक्षु डाक्टरों के अचानक हड़ताल पर जाने से अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगो नही मानी जाती है तब तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और न तो कक्षाएं लगाएंगे ओर न ही अस्पताल में अपनी सेवाएं देगे।
प्रशिक्षु डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने वर्ष 2013 से दंत चिकित्सकों के पद भरने की जहमत नही उठाई। जिसके कारण लाखों रुपया खर्च कर प्रदेश में 2000 से अधिक डेंटल चिकित्सक बेरोजगार होकर घर पर बैठे हुए हैं। योग्यता होते हुए भी डेंटल डॉक्टर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार डेंटल डॉक्टरों के पद भरना नहीं चाहती तो डेंटल कालेजों को बंद कर दें, ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एमबीबीएस दंत चिकित्सकों के कैडर में 7ः1 का रेशो चलाया जा रहा है। यह काफी कम है तथा यह रेशो बढ़ाया जाना चाहिए ताकि बेरोजगार दंत चिकित्सकों को रोजगार मिल सके।