हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़): दिल में हौंसला और आत्मविश्वास हो तो मंजिल की राह में विकलांगता कभी आड़े नहीं आती। यह बात एसडीएम अरिंदम चौधरी ने जिला स्तरीय अन्तर्राष्ट्रीयता दिव्यांग दिवस के अवसर पर एनजीओ भवन में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के लिए कुछ करना ही हमारी प्रथमिकता होनी चाहिए।
दिव्यांग दिवस पर इन विशेष बच्चों, व्यक्तियों के साथ समय बिताना खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती दिव्यांगजनों में कुछ कर गुजरने की प्रतिभा होती है जरूरत है उनकी छुपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उसे तराशने और निखारने की। उन्होंने आहवान करते हुए कहा कि हम सभी का दायित्व का है कि हम दिव्यांगजनों में छिपे हुनर को तराशें और विकास की मुख्यधारा से जोड़ें।
उन्होंने दिव्यांग बच्चों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि अपने आप को किसी से भी कम न समझें सकारात्मक सोच से आगे बढ़ कर औरों के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने कहा कि लोग दिव्यांगों को इस दृष्टि से देखते हैं जैसे वह आम जन से हट कर हों और कुछ भी न कर पाने की स्थिति में हों। उन्होंने कहा कि दिल में हौंसला और आत्मविश्वास हो तो मंजिल की राह में दिव्यांगता कभी आड़े नहीं आती और कई बार तो ऐसे लोग आम लोगों से बहुत आगे भी निकल जाते हैं।
जिला कल्याण अधिकारी डॉ संजीव शर्मा ने कहा कि विशेष बच्चों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के माता-पिता उनमें छिपी प्रतिभा को प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा कि सामाजिक अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांगों के कल्याणनार्थ अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनमें माध्यम से वे अपने आपको स्थापित कर सकते हैं।
इस मौके पर मलकीत सिंह, पुरषोतम चंद, सपना देवी, कुमारी रेखा, राज कुमार, भोली राम, तारो देवी, हेमंत को व्हील चेयर तथा विनोद कुमार, नीलम कुमारी, ज्ञान चंद, कुमारी अर्पणा , दीपिका, रचना, संजू और पुष्पा को श्रवण यंत्र और संदीप कुमार, प्रेम चंद को वांकिग स्टिक प्रदान की गई।
अपंग विवाह अनुदान योजना के तहत राजवीर तथा मधुवाला को 40-40 हजार रूपये और राज कुमार को 8 हजार रूपये की राशि के चैक प्रदान किए गए। इस अवसर पर पहचान संस्था के एमडी नरेश ठाकुर, ब्लाईंड एशोसियशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिपाहिया के अलावा समस्त तहसील कल्याण