सोलन(एमबीएम न्यूज़): सोलन की सबसे पुरानी कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन एक बार फिर दो धड़ों में विभाजित हो गई है। यूनियन के दोफाड़ होने का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि पुरानी यूनियन की कार्यप्रणाली से कुछ ट्रक आपरेटर पिछले काफी समय से अंसतुष्ट चल रहे थे। असंतुष्ट ट्रक आपरेटरों ने नई यूनियन का गठित कर दी तथा इसका नाम न्यू कालका-शिमला गुड़स ट्रांसपोर्ट यूनियन रख दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला सोलन की सबसे पुरानी कालका-शिमला गुड्स ट्रंासपोर्ट यूनियन के बीच वर्चस्व को लेकर मचे घमासान ने यूनियन को दो टुकड़ों में बांट कर रख दिया है। वर्चस्व की इस लड़ाई में किस गुट को लाभ पहुंचता है यह बात तो अभी भविष्य के गर्भ में छुपी है,लेकिन वर्षों पुरानी उक्त यूनियन अब माला के मणकों की तरह बिखर गई है। हालांकि यूनियन के पदाधिकारियों ने असंतुष्ट चल रहे आपरेटरों को मनाने का भरसक प्रयास किया,लेकिन बात नहीं बन पाई।
सूत्रों की मानें तो कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन की कार्यप्रणाली से कई आपरेटर संतुष्ट नहीं थे तथा इसका वह समय-समय पर विरोध भी करते आ रहे थे। जब पानी गले से ऊपर पहुंचने लगा तो असंतुष्ट आपरेटरों ने अलग से नई यूनियन गठित करने का फैसला लिया। इसके बाद पुरानी यूनियन की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट चल रहे ट्रक आपरेटरों ने एकजुटता दिखाते हुए नई यूनियन को खड़ा कर दिया तथा इसका नाम न्यू कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन रख दिया।
इससे स्पष्ट हो गया कि जिला सोलन की सबसे पुरानी ट्रक आपरेटर यूनियन कालका-शिमला गुड्स दो टुकड़ों में विभाजित हो गई है। नई यूनियन ने सब्जीमंडी के निकट शुक्रवार को अपने कार्यालय का विधिवत शुभारंभ भी कर दिया है। नई यूनियन कार्यालय के उद्घाटन मौके पर राजेश बटवाल को सर्वसम्मति से प्रधान चुना गया। मोहिंद्र सिंह भाटिया को उपप्रधान, सीता राम को सचिव व जितेंद्र शर्मा को कोषाध्यक्ष का पदभार सौंपा गया।
गौरतलब है की कालका शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन 100 के करीब ट्रक रजिस्टर्ड थे। जिसमे से कई पुराने ऑपरेटरों का यूनियन से काम को लेकर मतभेद चल रहा था जिसके चलते ने यूनियन का गठन किया गया है। नई यूनियन में पहले ही दिन 20 के करीब ऑपरेटरों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। यूनियन के उद़्घाटन मौके पर मनीष गुप्ता,चुन्नी लाल,नंद किशोर,समीर ठाकुर,संजू,जतिंद्र सिंह ,सोनू,रिंकू,पद्मदेव,तजिंद्र सिंह,संजय शर्मा,पप्पू,जगदीश राज, दयाल सिंह अदि ऑपरेटर मौजूद थे। उधर इस संदर्भ में जब पुरानी कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान हरदेव ठाकुर से इस संबंध में उनके कार्यालय में संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा।
बयान….
विवश होकर बनानी पड़ी नई यूनियन-
पुरानी कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन आपरेटरों को स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने दे रहे थी तथा यूनियन में किसी भी नई गाड़ी को एंट्रर नहीं किया जा रहा था। जब भी कोई आपरेटर अपनी दिक्कतों को यूनियन के समक्ष रखता था तो उसे अनसुना कर दिया जाता था। यही वजह है कि पुरानी यूनियन की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट चल रहे आपरेटरों को नई यूनियन गठित करनी पड़ी है।
राजेश बटवाल, प्रधान न्यू कालका-शिमला गुड्स ट्रांसपोर्ट यूनियन सोलन।