सोलन (एमबीएम न्यूज़) : भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सार्थी शाखा के तहत, डा.यंशवत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा सब्जी उत्पादन विषय पर जिला सिरमौर के संगड़ाह ब्लॉक की दुर्गम ग्राम पंचायत रजाना और माईना में जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। यहां बतां दे कि यह परियोजना जिला सोलन व सिरमौर के शिवालिक क्षेत्रों में सब्जियों की सुधरी हुई काश्त के बारे में स्वीकृत की गई है।
इस परीक्षण शिविर में आसपास के लगभग बारह गांवों के 150 से अधिक किसानों व बागवानों ने भाग लिया। इस परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक डा.रमेश कुमार भारद्वाज ने इस परियोजना के बारे में इस क्षेत्र के किसानों व बागवानों तथा कृषि अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी तथा सब्जियों की सुधरी हुई किस्मों तथा नयी-नयी तकनीकों को अपनाने की सलाह दी। इस क्षेत्र के किसानों को कम लागत से अधिक मुनाफा प्राप्त करने हेतु नई-नई तकनीकों के बारे में तथा कम समय में अधिक पैदावार देने वाली फसलों को उगाने सम्बंधी सुझाव रखे।
शिविर में डा.संदीप कंसल और इस क्षेत्र के कृषि विकास अधिकारियों ने भी विभिन्न विषयों के बारे में अपने विचार रखे। डा.कंसल ने सब्जियों में लगने वाली विभिन्न बीमारियों व विकारों तथा कीटों व नीमाटोडज के बारे में विस्तार से बताया तथा समय-समय पर बरतने वाली सावधानियों तथा उनके निवारण हेतु विस्तार से जानकारी दी। कृषि अधिकारियों ने कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदान की जा रही अनेक परियोजनायों तथा सहायता के बारे में बताया तथा किसानों को अदरक, गेंहूं, मक्की, आलू, लहसून तथा टमाटर के साथ-साथ अन्य अधिक लाभ देने वाली सब्जियों को उगाने का आग्रह भी किया।
इसके साथ-साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के बारे में भी किसानों को विस्तार से जानकारी दी। ग्राम पंचायत रजाणा की प्रधान संगीता देवी तथा माइना पंचायत की प्रधान पिंका देवी ने भी किसानों को सब्जी उत्पादन में जंगली जानवरों तथा पानी की जटिल समस्या के बारे में वैज्ञानिकों को अवगत कराया व इसके निवारण हेतु आग्रह किया।
शिविर के अंत में परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक डा. रमेश कुमार भारद्वाज ने इस क्षेत्र के सभी किसानों व बागवानों को सब्जी उत्पादन हेतु सभी समस्याओं के निवारण के बारे में सब्जी विज्ञान विभाग व विश्वविद्यालय की तरफ से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने क्षेत्र के किसानों तथा बागबानों को आश्वासन दिया कि इस क्षेत्र में समय-समय पर ओर ज्यादा प्रशिक्षण शिविर लगाएं जाएंगे। इस विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एचएस कंवर ने विभिन्न परियोजनाओं के तहत भविष्य में भी किसानों व बागवानों के लिए समय-समय सहायता प्रदान करने हेतु पर ऐसे षिविरों का आयोजन करते रहने के लिए वैज्ञानिकों से आग्रह किया। गौर रहे कि सार्थी ग्रुप के तहत इस परियोजना द्वारा पिछले अढ़ाई वर्षोंं में 5 प्रशिक्षण शिविरों व 9 जागरूकता अभियानों द्वारा 972 किसानों व बागवानों को सब्जी उत्पादन व अन्य नकदी फसलों को उगाने हेतु प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह जानकारी डा.परमार विवि नौणी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जनसंपर्क अधिकारी डा.अनिल सूद ने यहां जारी बयान में दी है।