केलांग (एमबीएम न्यूज) : जिला लाहौल स्पीति के गाहर घाटी में देव परिक्रमा से घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है । गाहर घाटी के अराध्यदेव तंगजर तथा ड्रबला का रथ यात्रा विशेष साज-सज्जा कर गांव-गांव परिक्रमा कर रहे है तथा लोग देवताओं के सामने नतमस्तक होकर आर्शीवाद ले रहे है । यह देवता दो साल बाद इलाके के परिक्रमा पर निकलते है । ड्रवला को नारद ऋषि जबकि तंगजर को लाहौल घाटी के अराध्यदेव राजा घेपन का बडा भाई के रूप में पूजे जाते हैं। इस दौरान वजनत्रियों द्वारा विभिन्न प्रकार के राग बजाये जा रहे है जिससे समूची घाटी भक्तिमय बना हुई है।
देवताओं के गुर ज्ञालछन ने बताया कि यह देवता केवल गाहर घाटी का नही बल्कि इन्हें समूचे सृष्टि मे पूजे जाते है। उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा के दौरान जगह-जगह देवताओं का मिलन होता है तथा लोग देवताओं से आर्शीवाद लेते है। उन्होंने बताया कि पहले से ही देवता के परिक्रमा के दौरान बलि प्रथा को बंद कर दिया है हालांकि बदलते परिवेश से लोगों ने देव रीति रिवाज को छोडने लगे है लेकिन लोगो में देवताओं के प्रति प्रगाड आस्था है।
उन्होंनेे बताया के इस दौरान कई प्रकार के राग बजाऐ जाते है जिनका देव परिक्रमा मे अह्म महत्व है लेकिन आधुनिक पीढ़ी के लोग इसे सीखना नहीं चाहते है।