शिमला (एमबीएम न्यूज़) : 500 व 1000 रूपये के नोटों को बदलवाने के लिए गुरूवार को बैंक तो खुल गए, लेकिन आम लोगों की दिक्कतें फिर भी कम नहीं हुईं। बड़े नोटों को जमा करवाने के लिए बैंकों के खुलने से पहले ही लोगों को लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ा। कई बैंकों में तो 500 व 2000 रूपये के नोटों की नई करेंसी भी नहीं थी, लिहाजा पुराने नोटों को 100 रूपये के नोटों से बदला गया। वहीं कुछ बैंकों व डाकघरों में करेंसी नहीं पहुंचने से यह सुविधा आज शुरू ही नहीं हो पाई।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इस समस्या से सबसे ज्यादा जूझना पड़ा, क्योंकि उनके निकटवर्ती बैंकों की छोटी शाखाओं में नोटों को न तो बदला गया और न ही खातों में जमा किया गया। लिहाजा लोगों को राजधानी मुख्यालय ही पहुंचना पड़ा।
राजधानी के माल रोड स्थित पीएनएबी, यूको बैंक और स्टेट बैंक की शाखाओं पर अधिक लंबी लाइनें देखी गई। डाकघरों पर भी लोग खुलने से घंटों पहले जमा हो गए थे। रेलवे बोर्ड बिल्डिंग स्थित सब पोस्ट आफिस में दोपहर दो बजे तक ही नोटों को बदला गया। यहां नोट बलदवाने पहुंचे ग्राहकों को पुराने बड़े नोटों के बदले 100 रूपये के नोट दिए गए। दो बजे 100 रूपये के नोट भी खत्म हो गए और लोगों को बैरंग ही लौटना पड़ा।
नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद नौ नवंबर को बैंक बंद रखे गये थे। हालांकि लोगों की सुविधा के लिए 12 और 13 नवंबर शनिवार और रविवार को भी बैंक खुले रहेंगे। आमतौर पर दूसरे शनिवार और रविवार को बैंकों का अवकाश रहता है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने आठ नवंबर की आधी रात से पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को बंद करने का फैसला किया था और इन नोटों को बदलवाने के लिए कई प्रकार के कदमों की घोषणा की थी जिससे लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। सरकार एक हजार रुपए का नोट फिलहाल पूरी तरह बंद कर रही है जबकि पांच सौ का नया नोट प्रचलन में आएगा और दो हजार रुपए का नोट भी पहली बार शुरू किया जा रहा है।
सरकार ने रोजाना चार हजार रुपए तक बैंकों में पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट जमा कराने की सुविधा दी है। यह सुविधा 30 दिसंबर तक जारी रहेगी। इसके लिए लोगों को अपनी पहचान के रूप में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र अथवा कोई और सरकारी साक्ष्य प्रमाण के रूप में देना होगा।