हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : होमवर्क के डर से 13 साल के पंकज की शुक्रवार तडक़े टांडा मेडीकल कॉलेज में दर्दनाक मौत हो गई है। आत्मदाह की इस वारदात से हर कोई सन्न हो गया है। सातवीं कक्षा में पढ़ रहे पंकज अपने साथ अपने स्कूल बैग में ही मिट्टी का तेल छिपाकर ले गया था। मौका मिलते ही मिट्टी का तेल अपने ऊपर छिडक़ कर आग लगा ली। 60 फीसदी शरीर झुलस गया था। उसी वक्त पंकज के बच पाने की उम्मीद काफी कम लग रही थी।
समूचे प्रदेश में आत्मदाह की इस वारदात को लेकर चर्चा है। पुलिस घटना की छानबीन कर रही है, लेकिन सीधे-सीधे तौर पर इस नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है कि पंकज ने होमवर्क के डर से ही आत्मदाह किया। सप्ताह के अवकाश के समाप्त होने पर वीरवार को ही स्कूल खुला था। भोरंज उपमंडल के जौह गांव का रहने वाला पंकज वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोट में शिक्षा ग्रहण कर रहा था। पिता जाहू में दुकान करते हैं। पंकज के शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल प्रशासन में भी इस वारदात के बाद हडकंप मचा हुआ है।
पुलिस के लिए भी मामला काफी टेढ़ा साबित हो सकता है। अब देखना यह भी है कि आत्महत्या के लिए पंकज को उकसाने का मामला बनता है या नहीं। आईपीसी की धारा-306 में आत्महत्या के लिए उकसाने का कठोर कानून है। यह सब कुछ पुलिस की तफ्तीश में ही सामने आ सकता है। शिक्षा विभाग भी इस तरह की घटना से दंग है। हैरानी इस बात पर भी है कि इतनी कम उम्र के बच्चे ने आत्महत्या करने का फैसला तो लिया, लेकिन इसमें भी आत्मदाह की।
जानकार कहते हैं कि अमूमन इतनी कम उम्र में बच्चे आत्महत्या जैसा संगीन कदम नहीं उठाते हैं। अवाहदेवी चौकी प्रभारी एएसआई राकेश कुमार ने स्कूली छात्र पंकज की मौत को लेकर पुष्टि की है।
इसी बीच एमबीएम न्यूज से बातचीत में प्रारंभिक शिक्षा विभाग निदेशक मनमोहन शर्मा ने कहा कि इस बारे रिपोर्ट मंगवाई जाएगी। यह देखा जाएगा कि वास्तव में ही होमवर्क को लेकर कोई दबाव था या नहीं।