सुंदरनगर (नितेश सैनी): रोशनी का पर्व दीपावली यानी खुशियों का त्यौहार, इस त्यौहार पर हर किसी की हसरत होती है कि वो अपनों के बीच इस त्यौहार को मनाए। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके अपने इस दुनिया में मौजूद हैं उसके बावजूद रोशनी के इस त्यौहार में उनकी जिंदगी में अंधेरा है। ऐसे ही बेसहारा बुजुर्गों की अंधकारमय जिंदगी में कुछ रोशनी डालने की कोशिश की है समाजसेवी संस्था वसुधा ने।
वसुधा संस्था ने सुंदरनगर डेहरी स्थित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया। संस्था के सदस्यों ने वृद्धों के साथ मिलकर दीपक जलाये और मिठाई भी बांटी गई। संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्म प्रताप सिंह ने कहा कि समाज में कोई भी अपने बुजुर्गों की उपेक्षा कर प्रगति नहीं कर सकता, उन्होंने बताया कि हिमाचल देश का पहला राज्य है जिसने 2001 में वृद्ध माता-पिता के रखरखाव के लिए कानून बनाया था, जिसके तहत ऐसे वृद्ध जो देख रेख से वंचित है वे 5000 रुपये प्रति माह तक की राशि का दावा कर सकते हैं।
जहाँ ज़रुरत नैतिक सदगुण की हो, वहां कानून भी कुछ नहीं कर सकता अत: संस्था की ओर से उन्होंने समाज से अपील की है कि वृद्धों को निराश्रय ना करें। उन्होंने यह भी कहा की ऐसे मामले सामने आने पर संस्था ऐसे लोगों के विरुद्ध जो अपने माता पिता को असहाय छोड़ देते हैं, कानूनी लड़ाई लडऩे से भी पीछे नहीं हटेगी।
इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के प्रधान गुलेरिया जी और वसुधा संस्था के अध्यक्ष सूरज धीमान, उपाध्यक्ष अलीशा शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्म प्रताप सिंह ,मीडिया प्रभारी नितेश सैनी, सुषमा,आकांक्षा शर्मा, दिव्यांशी, आदि मौजूद रहे।