-बिजली के बिल देने भी पड़ रहे महंगे, मंडी न होने से नहीं मिल रहे उचित कदम
आशु वर्मा। एमबीएम न्यूज नेटवर्क। पांवटा साहिब
पांवटा घाटी में स्थित गुड की चरखियों पर खतरे के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। पहले की अपेक्षा गुड उत्पादन पर असर पड़ा है। गुड उत्पादकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैै। यहां तक की गुड की चरखियों के बिजली के बिल देने भी उत्पादकों को महंगे पड़ रहे हैं। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठा रही है। उल्लेखनीय है कि पांवटा साहिब की कई पंचायतों में गुड का भारी मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिए गुड उत्पादक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें सही मेहनताना नहीं मिल रहा है। गुड उत्पादकों के अनुसार यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब गुड उत्पादन ठप होकर रह जाएगा। जानकारी के अनुसार यहां पर गुड की बिक्री को लेकर कोई मंडी नहीं है। यही कारण है कि गुड के दाम सही नहीं मिल पा रहे हैं। उम्मीद से कम गुड के दाम मिलने से उत्पादकों में सरकार के प्रति भी निराशा झलक रही है। साथ ही गन्ने की रेट भी सही न मिलने के कारण परेशानी अधिक बढ़ रही है। ऐसे में गन्ने व गुड उत्पादक दोनों की ही मुश्किलये बढ़ रही है। गुड उत्पादक लंबे समय से पांवटा साहिब में मंडी खोलने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। शिवपुर क्षेत्र में स्थित गुड उत्पादक राजेश कुमार का कहना है कि गुड के दाम लगातार गिर रहे हैं। गन्ने भी कम दाम पर बिक रहा है। गुड की बिक्री को लेकर कोई भी मंडी नहीं है। गन्ना व गुड उत्पादकों दोनों की ही परेशानी बढ़ रही है। उनकी मांग है कि सरकार इस दिशा में उचित कदम उठाएं। एक अन्य गुड उत्पादक विनोद कुमार ने बताया कि मंडी की वजह से गुड के भाव बेहद कम है। गुड की चरखियों का बिजली का बिल भी काफी अधिक आ रहा है। हर साल यही हाल हो रहा है। यदि यही हाल रहा तो गुड की चरखियां बंद हो जाएंगी। उधर कारीगर अफजल का कहना है कि मंडी न होने के कारण गुड बेचने में दिक्कत आ रही है। रात-दिन मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में गुड के दाम बेहतर मिलने चाहिए। उन्होंने सरकार से समस्या के समाधान की मांग की है।