हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : हमीरपुर की सात गरीब बेटियों के पालनहार अधिकारी बन गए हैं। पहली बार अधिकारियों ने एक सामाजिक कार्य कर हमीरपुर को राज्य में प्रेरणा का नायक बना दिया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा पूरे राज्य में गूंज रहा है। समाचार पत्र समूह हिमाचल दस्तक ने भी इसे सामाजिक सरोकार मानते हुए अपने हर कार्यक्रम में शामिल किया है।
इसी अभियान में हमीरपुर के छह अधिकारी बेटियों को पढ़ाने के लिए आगे आए हैं। उपायुक्त हमीरपुर के निर्देश पर हमीरपुर के पांच सीडीपीओ ने अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली गरीब लड़कियों को गोद लिया है। सभी गरीब कन्याओं के या तो पिता नहीं हैं या फिर घर की हालत काफी दयनीय है। इन सीडीपीओ के इस सराहनीय कदम के साथ विकास खंड टौणी देवी के अधिकारी ने भी अपना कदम मिलाते हुए ग्वारड़ू गांव की दो बेेटियों को गोद लिया है।
जिला प्रशासन की इस अनोखी पहल को सुचारु रुप से बनाए रखने के लिए एक प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के मुताबिक यदि अधिकारी को तबादला हो जाता है तो यहां पर पहुंचने वाले दूसरे अधिकारी को इन बच्चों का खर्चा उठाना पड़ेगा इस खर्चे में बेटी की पढ़ाई को ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही अधिकारी संबंधित घर का दौरा कर परिवार के सदस्यों को लड़की के भविष्य के प्रति सुझाव देंगे।
उपायुक्त हमीरपुर की इस अनोखी पहल को हर अधिकारी पर लागू करने की तैयारी है। प्रशासन ने ट्रायल के आधार पर इस सामाजिक कार्य को अभी सीडीपीओ पर ही लागू किया है। इसमें मिलने वाली अपार सफलता के बाद जिला के तमाम अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के किसी गरीब परिवार की कन्या को गोद लेना होगा।
सीडीपीओ हमीरपुर ने कोट गांव की एक गरीब कन्या को गोद लिया है। 6 बहनों में सबसे छोटी लड़की के सिर से पिता का साया उठ गया है। भोरंज के सीडीपीओ ने धमरोल गांव की कन्या, सीडीपीओ टौणी देवी ने झनिक्कर, सीडीपीओ बिझड़ी ने टिक्कर राजपूतां की एक बेटी, सीडीपीओ सुजानपुर ने हार गांव की बेटी व बीडीओ टौणी देवी ने ग्वारड़ू गांव की दो गरीब कन्याओं को गोद लिया है।
जिला उपायुक्त मदन चौहान ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान प्रशासन ने शुरु किया है। इसी अभियान में गरीब कन्याओं के भविष्य को संवारने के लिए उन्हें प्रशासन गोद ले रहा है। इसी कवायद में अभी सात बच्चे गोद लिए गए हैं। जल्द ही अन्य बच्चों को भी प्रशासन गोद लेगा और इसमें हर अधिकारी को जोड़ा जाएगा।