शिमला (एमबीएम न्यूज़) : बहुचर्चित युग मर्डर केस डीएनए जांच की फेर में लटक गया है। डीएनए जांच के इंतजार में बैठी सीआईडी अब तक अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है। फारेंसिक लैब जुन्गा में बीते डेढ़ माह से डीएनए के नमूनों की जांच चल रही है। इसकी रिपोर्ट अभी तक सीआईडी को नहीं सौंपी गई है।
लिहाजा पूरे मामले की जांच प्रक्रिया पर ब्रेक लग गई है। जबकि युग के परिजन आरोपियों को जल्द सजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। फारेंसिंक लैब के अधिकारियों के अनुसार डीएनए की रिपोर्ट इस हफ्ते भी जारी नहीं होगी। इसके लिए अभी कम से कम अगले 10 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा।उल्लेखनीय है कि मामले की गंभीरता के मददेनजर सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कर चुके हैं। ऐसे में इस मामले में फारेंसिक अधिकारियों की लेटलतीफी कई सवाल खड़े कर रही है।
इस बीच फारेंसिक लैब जुन्गा के निदेशक अरूण ने बताया कि युग से जुड़े केस में डीएनए रिपोर्ट तैयार करने में अभी कुछ और वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते तक रिपोर्ट सीआईडी को सौंप दी जाएगी। उन्होंने खुलासा किया कि इस केस में छह रिपोर्टे बनाई जा रही हैं तथा ये सभी एक साथ जारी की जाएंगी।
इधर, मामले की जांच कर रहे सीआईडी के डीएसपी भूपिंद्र ब्राक्टा ने कहा है कि रिपोर्ट में देरी पर फारेंसिक लैब को एक बार रिमाइंडर भी भेजा गया है। ब्राक्टा ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद तीन माह के अंदर जार्चशीट दाखिल करना अनिवार्य है तथा फारेंसिक लैब से डीएनए रिपोर्ट मिलते ही चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि शिमला के राम बाजार के कारोबारी विनोद गुप्ता का चार वर्षीय बालक युग 14 जून 2014 को रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हो गया था। इस मामले में सीआईडी के हत्थे चढ़े तीन आरोपियों तेजेंद्र, चंद्र और विक्रांत ने कबूल किया कि उन्होंने फिरौती के मकसद से युग का अपहरण किया था, लेकिन पकड़े जाने के डर से बड़े पत्थर से बांध कर उसे पानी के टैंक में जिन्दा डाल दिया था।
इसी साल 22 अगस्त को सीआईडी आरोपियों को इसी टैंक के पास ले गई थी। यहां टैंक के अंदर व आसपास बच्चे के कंकाल बरामद हुए थे। ये तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।