नाहन (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश में 2016-17 में आबकारी व कराधान विभाग ने प्रदेश में 7055 करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई का लक्ष्य रखा है।इसमें से सिरमौर की भागीदारी 498 करोड़ 98 लाख रुपए की है। इसमें से मात्र पांच महीनों में विभाग 40.12 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा कर चुका है। यह खुलासा बुधवार को उपायुक्त बीसी बडालिया की अध्यक्षता में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में विभाग के सहायक आयुक्त जीडी ठाकुर ने किया है।
ठाकुर ने इस दौरान विभाग द्वारा ग्राहकों को उपलब्ध करवाई जा रही सरकार की 11 योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाई, जिसमें मोबाइल एप से टैक्स का भुगतान भी शामिल था। ठाकुर ने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले व्यापारियों व ग्राहकों को पूरी जानकारी शिविरों के माध्यम से उपलब्ध करवाने का फैसला भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने जमटा में शराब के भंडारण की व्यवस्था कर ली है, जहां से विक्रेताओं को एल-2 व एल-14 की शराब समूचे जिला में उपलब्ध करवाई जा रही है।
ठाकुर के मुताबिक सिरमौर में 2016-17 में शराब के कारोबार से 106.34 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। अगस्त माह तक 31 करोड़ 93 लाख का राजस्व प्राप्त कर लिया गया है। इसी तरह वैट में 347.66 करोड़ में से 148.10 का राजस्व प्राप्त कर लिया गया है। एईटीसी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुलने वाले होटलों को विलास कर से 10 सालों के लिए मुक्त किया गया है।
इस मौके पर सहायक आयुक्त जीडी ठाकुर ने एमबीएम न्यूज की तेज व विश्वसनीय रिपोर्टिंग की भी बार-बार प्रशंसा की। ठाकुर ने यह बात शराब की तालाबंदी को लेकर एमबीएम द्वारा तत्काल प्रकाशित खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में कही।
इस अवसर पर आबकारी व कराधान विभाग के ईटीओ प्रेम कायथ, ईटीओ हिमांशु पंवार मौजूद रहे।
खुल गए 23 ठेके
सहायक आयुक्त के मुताबिक नाहन, राजगढ़ व ददाहू यूनिट के 23 ठेकों को खोल दिया गया है। मंगलवार सुबह से कुछ शर्तों पर ठेकेदार को शराब बेचने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा बकाया राशि का कुछ हिस्सा नकद जमा करवाया गया है, जबकि शेष राशि के पीडीसी चैक दिए गए हैं। सनद रहे कि शराब के ठेकेदार पर लगभग 3 करोड़ की राशि बकाया हो गई थी। इसी के चलते विभाग ने 23 ठेकों पर तालाबंदी कर दी थी।
इंडियन टैक्नोमैक के 2100 करोड़ की वसूली की तैयारी
पे्रस से मिलिए कार्यक्रम में विभाग के सहायक आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि 2100 करोड़ की वसूली को लेकर एक गोपनीय प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की एजैंसी हिमकॉन द्वारा उद्योग की संपत्ति का मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग चाहता है कि इस परिसर को किसी नामी उद्योग को दिया जाए, जो अपने उत्पादन के साथ-साथ जुर्माने की राशि भी अदा करता रहे।