नाहन – 90 के दशक का डोसा व वडा-सांबर के वक्त को वापिस लौटाने की कोशिश हुई है। यह अलग बात है कि मोमोज व चाउमिन पर गुजरा जमाना भारी पडेगा या नहीं। यह कोशिश शहर के नामी फूड ज्वाइंट ‘टेक अवे’ ने की है। मजेदार बात यह है कि चौगान के समीप ‘टेक अवे’ के काउंटर पर ठीक उसी तरह से डोसे व वडा-सांबर को परोसा जा रहा है, जैसे कि 90 के दशक में शिखा रेस्टोरेंट में परोसा जाता था। उल्लेखनीय है कि शिखा रेस्टोरेंट करीब 15 से 20 साल पहले बंद हो गया था। इसके बाद हालांकि कई रेस्टोरेंटस में डोसा व वडा-सांबर परोसने की कोशिश हुई, लेकिन जायका न मिलने से ग्राहकों का आकर्षण कम रहा। लेकिन अब ‘टेक-अवे’ के काउंटर पर 90 के दशक की याद ताजा हो रही है। अहम बात यह है कि इस व्यजंन को परोसने के लिए विशेष कारीगर की सेवाएं ली जा रही है। एक अरसे से शहर में मोमोज व चाउमिन की डिमांड बढी है। पिछले पांच साल में एक दर्जन से अधिक काउंटर्स पर मोमोज व चाउमिन बेची जा रही है। देहली गेट के समीप एक मोमोज व चाउमिन के काउंटर पर महिला की पूरी आर्थिकी तक बदल गई है। साउथ इंडियन फूड का लुत्फ उठाने के लिए शहरवासी विशेष तौर पर चंडीगढ का रूख भी करते है। इस वक्त चौगान के समीप टेक अवे का काउंटर डोसा व वडा सांबर को लेकर तेजी से पहचान बनाने की तरफ अग्रसर है। फिलहाल इस काउंटर पर पनीर व मसाला डोसे के अलावा वडा सांबर व दही वडा परोसे जा रहे है। डोसे की कीमत 40 से 80 के बीच रखी गई है। जबकि वडा-सांबर की कीमत 40 रूप्ये प्रति प्लेट है। गौर किया जाए तो शहर में पिछले एक दशक में कई रेस्टोरेंट खुले है, लेकिन फूड ज्वाइंट में मात्र टेक अवे ने ही नाम कमाया है। चौगान के ही नजदीक महक रेस्टोरेंट ने भी सीजलर्स लांच किए थे। काउंटर पर जिस कारीगर द्वारा डोसा व वडा सांबर को तैयार किया जा रहा है, उसने यही व्यंजन मलेशिया व थाईलैंड में भी परोसे है। शहर में मोमोज व चाउमिन की डिमांड बढ जाने के कारण न केवल इनकी कीमत भी बढी है, बल्कि गुणवता भी कम हुई है। यही वजह है कि डोसा व वडा-साबंर इन व्यंजनों को बदलने में सफल हो सकता है।
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