मंडी (वी कुमार) : अखिल भारतीय मैडिकल लैब टैक्निशियन संघ की जिला इकाई मण्डी के प्रधान अमरजीत शर्मा एवं अन्य सम्बद्ध नेताओं ने स्वास्थ्य सुरक्षा निदेशालय के उस निर्णय का विरोध किया है, जिसके माध्यम से अब प्रदेश में मैडिकल लैब का संचालन अब सिर्फ एमबीबीएस डिग्रीधारक ही कर सकेंगे और लैब संचालन का प्रभारी कम से कम एमबीबीएस डिग्री धारक होना चाहिए।
प्रधान अमरजीत शर्मा, वरिष्ठ उप-प्रधान प्रदीप शर्मा, महासचिव अच्छर सिंह यादव, कोषाध्यक्ष तेज राम शर्मा, उप-प्रधान प्रेम लता, रूपलाल वर्मा, वीरेन्द्र चौहान, संयुक्त सचिव घनश्याम ठाकुर, संगठन सचिव मुलक राम, गोबिन्द ठाकुर, राजेन्द्रा कुमारी, प्रेस सचिव बीरी सिंह यादव, सदस्य तिलकराम शर्मा, नीलम कुमारी, राजेन्द्र कुमार धमेश्वर तथा संतोष कुमारी आदि पदाधिकारियों ने जारी एक प्रेस वक्तव्य में स्वास्थ्य निदेशालय के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि लैब में कार्य करने वाला टैक्निशियन भी डिप्लोमाधारक होता है। उसे मरीजों के हर तरह के टैस्ट लेने का अनुभव होता है, जिसके आधार पर वह मरीजों की टैस्ट रिपोर्ट तैयार करता है।
उन्होेंने यह भी स्पष्ट किया कि लैबों मेे स्थापित की गई मशीनों को हैंडल करने का अनुभव भी केवल लैब टैक्निशियन को ही होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी तथा निजी अस्पतालों एवं बाह्य तौर पर स्थापित मैडिकल लैबों में कार्य करने वाले टैक्निशियन बाकायदा लैब टैक्निशियन कोर्स कर आते हैं तथा वह पैरा मैडिकल कौंसिल से भी पंजीकृत होते हैं।
प्रधान अमरजीत शर्मा तथा अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे निर्णयों से प्रदेश में कार्यरत लैब टैक्निशियनों की भावनाओं को गहरा आघात पहुॅचा है और सरकार द्वारा डिप्लोमाधारक लैब टैक्निशियनों पर एमबीबीएस स्तर का प्रभारी बिठाना अपने आप में हास्यास्पद है।
सभी कर्मचारी नेताओं ने सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया है तथा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर तथा स्वास्थ्य सचिव से इस निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे तुरन्त रदद करने का आग्रह किया है।