हमीरपुर, 03 जुलाई : नादौन के कोहला गांव निवासी 79 वर्षीय सीता राम पुत्र मुंशी राम ने देहदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। बीएसएनएल विभाग से सेवानिवृत्त हुए सीता राम ने परिवार को इस निर्णय के बारे में जब बताया तो सभी ने इंकार कर दिया। लेकिन सीता राम अपनी जिद पर अड़े रहे।
सीता राम के पुत्र और नादौन के प्रसिद्ध उद्यमी विनोद खावला ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले परिवार ने सामाजिक रीति-रिवाजों और धर्म-संस्कृति का हवाला देकर उन्हें इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। परंतु, सीता राम की समाज के प्रति समर्पण की भावना के आगे पूरा परिवार नतमस्तक हो गया।
इसके बाद उनकी पत्नी सरोज बाला पुत्र विनोद खावला और रजनीश, तथा अन्य परिवार के सदस्यों ने सीता राम के इस निर्णय को आदरपूर्वक स्वीकार कर लिया। विनोद खावला ने कहा कि यह निर्णय परिवार के लिए अत्यंत भावनात्मक है, लेकिन उन्हें गर्व है कि उनके पिता ने समाज सेवा का यह अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
पारिवारिक निर्णय के बाद विनोद खावला ने मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एनाटॉमी विभाग से संपर्क किया, जहां असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर कविता नंदा ने उन्हें पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी। विनोद ने बताया कि इस संबंध में पंजीकरण करवा दिया गया है और सीता राम ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षुओं की पढ़ाई के लिए वह देहदान कर रहे हैं।