जयपुर/ नाहन (शैलेंद्र कालरा) : सिरमौर रियासत के अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश की अंतिम बेटी व जयपुर राजघराने की माता पदमिनी देवी का जनता से अटूट रिश्ता है। यह बात खुद जयपुर की सडक़ों पर राजमाता के समर्थन पर उतरे जनसैलाब ने साबित की है। आंकड़़े अलग -अलग हैं। यह बता रहे हैं कि 80 से एक लाख के बीच भीड़ जुटी। लेकिन सरकारी आंकड़े इसे 20 से 30 हजार के बीच आंक रहे हैं।
इसी तरह का अटूट रिश्ता सिरमौर रियासत के शाही महल भी उस वक्त देखने को मिला था, जब करीब तीन साल पहले राजमाता के नाती लक्ष्यराज का मंगल तिलक हुआ था। यहां भी महिलाओं की आंखें राजमाता से मिलकर नम हो गई थी। दरअसल जयपुर में राजमाता ने विकास प्राधिकरण द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दमनकारी कार्यवाही को लेकर जनता से सहयोग की अपील की थी।
राजमाता की सार्वजनिक अपील में न्यायालय द्वारा डिक्री उनके पक्ष में किए जाने के बावजूद प्राधिकरण की कार्यवाही पर जन सहयोग मांगा था। इसी के चलते वीरवार को जयपुर की सडक़ें जाम होती नजर आई। राजमाता ने जनता से त्रिपोलिया गेट पर एकत्रित होने का आग्रह किया था।
जयपुर के सिटी पैलेस में राजमाता के समर्थन में उमड़ा सैलाब।अपनी अपील में भावुकता से राजमाता ने कहा था कि महाराजा साहब सवाई मानसिंह जी ने जयपुर को हमेशा अपार स्नेह दिया। उनके पति महावीर चक्र विजेता महाराज ब्रिगेडियर सवाई मानसिंह जी ने सेना में रहकर देश की आजीवन सेवा की। साथ ही पाकिस्तान युद्ध में अभूतपूर्व युद्ध कौशल का परिचय दिया, जिस पर जयपुर समेत समूचा देश गर्व करता है। ऐसे में आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा उनकी देशभक्ति का भी अपमान किया गया है।
इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि अगर सिरमौर से भी राजमाता को जनसमर्थन की जरूरत पड़े तो यहां से भी जनता उनके समर्थन में जयपुर को कूच कर सकती है।
सिरमौर के शाही महल के जीर्णोद्धार का भी है सपना
एमबीएम न्यूज से बातचीत करते हुए राजमाता पदमिनी देवी के दामाद महाराजा नरेंद्र सिंह ने कहा कि सिरमौर के शाही महल के जीर्णोद्धार का भी सपना है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले कार्य युद्धस्तर पर शुरू भी कर दिया गया था, लेकिन कुछ कारणों से इसे रोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह नियमित तौर पर यहां आते हैं। महाराजा नरेंद्र सिंह का यह भी कहना था कि वीरवार को भारी जनसमूह का समर्थन मिला, इससे राज परिवार को उत्साह मिला है।