नाहन (एमबीएम न्यूज): सीपीएस विनय कुमार से रेणुका विधानसभा क्षेत्र की सैनधार व धारटीधार की 15 पंचायतें पूछ रही हैं कि यह क्षेत्र विकास से क्यों वंचित रह गया। हलके में यही क्षेत्र हैं, जहां न कोई नामी शैक्षणिक संस्थान, न ही आईटीआई ओर न ही पर्यटन के लिहाज से कोई विकास हुआ।
सैनधार क्षेत्र में जलधारा बहती है, यही इस इलाके का वरदान है। यही इलाका नाहन शहर को भी पानी मुहैया करवाता है। बावजूद इसके कोई विकास नहीं है। अगर गौर किया जाए तो 1986 में बेचड़ का बाग स्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का दर्जा मिला था। इसके बाद कुछ नहीं। अगर बनेठी-राजगढ़ मार्ग की बात की जाए तो हालत बेहद खराब है।
डॉ. वाईएस परमार के घर से गुजरने वाली इस सडक़ का जीर्णोद्धार तक नहीं हो पाया। पराडा में आईपीएच विभाग के जेई का कार्यालय था, लेकिन इसे भी बनेठी शिफ्ट कर दिया गया। दूसरों को तो सैनधार इलाका पेयजल मुहैया करवा रहा है, लेकिन खुद यहां के बाशिंदें दूषित पानी भी पीने पर कई बार मजबूर हो जाते हैं।
उधर अगर धारटीधार क्षेत्र की बात की जाए तो सात पंचायतें भी विकास से कोसों दूर हैं। इस इलाके के युवाओं के संघर्ष के बूते एक एचआरटीसी बस चली। इस क्षेत्र में तो मोबाइल के सिग्नल तक नहीं हैं। कुल मिलाकर लोगों का यह भी कहना है कि पहली बार लोक निर्माण विभाग के मुख्य संसदीय सचिव का ताल्लुक रेणुका विधानसभा क्षेत्र से है। ऐसे में यहां की सडक़ें तो मखमली हो जानी चाहिए थीं। इस क्षेत्र में पेयजल संकट ही सबसे बड़ी चुनौती रहती है। यहां के लोग सिंचाई योजना का तो सपना भी नहीं देख पा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में महज एक-डेढ़ साल का समय बचा है, लिहाजा समय रहते ही सीपीएस को इन क्षेत्रों में ठोस विकास की दिशा में कदम उठा लेने चाहिए। सवाल इस बात पर भी है कि जब सीपीएस की अपनी गृह पंचायत में हेलीपैड बन सकता है, आईटीआई खुल सकती है तो इन क्षेत्रों में क्यों कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं खुल सकता।