नेरचौक (कपिल सेन) : पुरातन कथाओं में कहानियों में पढ़ा करते थे कि शिष्य एकलव्य ने अपने गुरू द्रोणाचार्य को गुरू दक्षिणा में अपना अंगूठा तक देने में संकोच नहीं किया था। ऐसा ही अब इस युग में भी देखने को मिला है कि एक शिष्या ने अपना पहला ही वेतन अपने विद्यालय को अपनी इच्छा से दान किया है। बल्ह घाटी के डडौर में स्थित हिल्लाॅक माॅडल स्कूल की पूर्व छात्रा रेणुका सपुत्री रूपलाल चैहान ने विद्यालय को अपनी पहली तनख्वाह से 21000 रूपए का चैक दान में दिया।
स्कूल प्रधानाचार्य राजकुमारी ने बताया कि रेणुका ने हिल्लाॅक माॅडल स्कूल में नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है। यह हमेशा से ही अपने विद्यालय में अव्वल दर्जे की छात्रा रही है। बाद इसके रेणुका ने पी.जी.टी. चण्डीगढ़ से बी.एस.सी. नर्सिंग की पढ़ाई की तथा अब वह पी.जी.टी. चण्डीगढ़ में ही नर्सिंग आॅफिसर के पद पर नौकरी कर रही है। इस उपलब्धि पर अध्यापकगण व स्कूल कमेटी सदस्यों ने खुशी जाहिर करते हुए रेणुका व उसके माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनायें दी व कहा कि रेणुका आगे भी दिन दोगुनी रात चैगुनी कर उन्नति करे।