शिमला (एमबीएम न्यूज) : विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को रामकुमार चौधरी व भाजपा के शीर्ष नेता के बीच तीखी नोकझोंक हुई। 24 अगस्त को कानून व्यवस्था पर चर्चा के दौरान रामकुमार अपने पर लगे आरोपों से खफा थे। कांग्रेसी विधायक ने कहा कि बिंदल साहब को नहीं भूलना चाहिए कि जिनके घर शीशे के होते है उन्हें दूसरों पर पत्थर फैकनें से पहले सोचना चाहिए।
चौधरी ने सीधे-सीधे ही बिंदल पर एक फार्मा उद्योग में डा0 राजीव बिंदल के भाई की हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया। कांग्रेसी विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में बद्दी में तैनात पुलिस अधिकारी का तीन बार तबादला किया गया था। इसी पर माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इस पर बिंदल ने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि रामकुमार चौधरी साबित करें कि उनकी प्रदेश में तो क्या देश में किसी भी हिस्से में कहां पर फैक्टरी है। बिंदल ने आरोप साबित होने पर त्यागपत्र देने की बात कह डाली। बिंदल ने कहा कि कांग्रेसियों द्वारा उनके खिलाफ 15 साल से विजीलेंस जांच करवाई जा रही है। लेकिन कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया है। बिंदल ने कहा कि मैनें जो भी बयान दिया है वह तथ्यों पर आधारित है। बिंदल ने कहा कि 100 चूहें खाकर बिल्ली हज को चली।