शिमला (एमबीएम न्यूज़) : राजधानी में शुक्रवार को विधानसभा के बाहर प्रदेश से आए हज़ारों किसानों ने हल्ला बोला। मूसलाधार बारिश के बावजूद किसान मैदान में डटे रहे और अपनी मांगों को लेकर नारेबाज़ी करते रहे। किसान 27 अगस्त 2015 को किसानों के कब्ज़े वाली भूमि को नियमित करने के लिए सरकार द्वारा विधानसभा में पारित संकल्प प्रस्ताव को लागू करने की मांग कर रहे थे।
कांग्रेस भाजपा एक ही बेल की कड़वी तुम्बड़िया : हरपाल
हरियाणा से पूर्व विधायक और किसानसभा के महासचिव तथा केन्द्रीय किसान परिषद् के सदस्य हरपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा एक ही बेल की कड़ी तुम्बड़ियां हैं, जो हमेशा किसान विरोधी फैसले लेती आई हैं। हरपाल सिंह ने कहा कि पहाड़ हो या रेगिस्तान किसानों की दुर्दशा एक सी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय था जब किसान अकाल में भी पेड़ की छाल और पत्ते खाकर गुज़ारा करते थे, लेकिन आत्महत्या नहीं करते थे लेकिन आज किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। नवउदारवादी नीतियों ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है।
किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट हों किसान
अखिल भारतीय किसान सभा के सह सचिव बीजू कृष्णन ने कहा कि बाज़ार में जो तुअर दाल 200 रुपये बिक रही है उसको पैदा करने वाले किसानों को उसका मात्र 30 रुपए प्रति किलो दाम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देष भर में कृषि संकट के दौर से गुज़र रही है, जो केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि वे एकजुट होकर किसान विरोधी सरकारों को सत्ता से बाहर करे।
जंगली जानवरों की वजह से 75 हजार हैक्टेया भूमि बंजर. डॉ. तंवर
हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉण् कुलदीप तंवर ने सरकार के भांग उखाड़ों अभियान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारी अमला अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक उन खेतों से भांग उखाड़ने का काम कर रहे हैं जो लोगों ने जंगली जानवरों की वजह से खाली छोड़ दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय लगभग 75 हज़ार हैक्टेयर भूमि जंगली जानवरों की वजह से बंजर पड़ी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में शहर के विस्तारीकरण की नीतियों से शहर में मिलाए जा रहे क्षेत्रों के स्थाई बाशिन्दो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पुश्तेनी हक-हकूकों को सुरक्षित रखने की सरकार की कोई नीति नहीं है। डॉ. तंवर ने शहरों में बने भवनों को नियमित करने के लिए एकमुष्त राहत देने की मांग भी उठाई।
किसानों को सम्बोधित करते हुए सेब उत्पादक संघ के राज्याध्यक्ष राकेश सिंघा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार अमीरोंए ठेकेदारोंए कम्पनियों और आढ़तियों की सरकार है। उन्होंने कहा कि शोंगठोंग में पिछले छः महीने से मज़दूर हड़ताल पर है और अपनी जायज़ मांगों के लिए 100 से ज्यादा मज़दूरों को पटेल कम्पनी के इशारे पर सरकार ने जेल में डाल रखा है।
सिंघा ने कहा कि 2 सितम्बर को मज़दूरों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का किसान पूरी तरह समर्थन करेंगे। उस दिन देश और कृषि बन्द का आह्वान है। किसानों की बेदखली के मुद्दे पर बोलते हुए सिंघा ने कहा कि कुल्लू के एक किसान रूप लाल को वन विभाग ने ज़मीन से बेदखल करने के बाद बाड़ लगाने का बिल 10799 रुपये थमा दिया है जबकि सरकार दावा करती है कि वह गरीब किसानों को 10 बीधा ज़मीन देने का दावा करती है।
ये सरकार बन्दर और सूअर प्रेमी : कुशाल भरद्वाज
किसान सभा के राज्य सचिव कुशाल भारद्वाज ने कहा कि ये सरकार बन्दर और सूअर प्रेमी है। किसान दिन और रात इन जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने सरकार को ललकारते हुए कहा कि सरकार ये न समझे कि रैली के दौरान हुई बारिष और तूफान से हिमाचल का किसान डर जाएगा। ऐसे तूफानों से किसान हर दिन जूझते हैं।