नाहन (एमबीएम न्यूज) : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर व नेहरु युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में चार दिवसीय आपदा मास्टर ट्रैनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ त्रिलोकपुर में उपायुक्त सिरमौर बीसी बडालिया की अध्यक्षता में किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में जिला सिरमौर के समस्त विकास खंडो से आए नेहरु युवा केन्द्र के 50 स्वंय सेवकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक वर्ष पूरा देश अपितु पूरी दूनिया विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक व मानव जनित आपदाओं का सामना करती है तथा इन आपदाओं से प्रति वर्ष बहुत अधिक जन-धन की हानि होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में गुजरात का भुकंप, 2004 में सुनामी, 2005 में मुम्बई की बाढ़, 2008 में बिहार का बाढ़ तथा वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा आदि अनेकों ऐसी आपदाओं के उदाहरण है जो न केवल हम लोगों को उन आपदाओं की याद दिलाते है बल्कि सोचने पर भी मजबूर करते है।
उन्होंने बताया कि यदि हम हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां पर भी आपदाओं का इतिहास ज्यादा पुराना नही है। इसमें कुल्लू के सैंज में बादल फटने की घटना या फिर कांगड़ा का भुकंप जिसमें लगभग 20 हजार लोगों की तथा 53 हजार पालतू मवेशियों की मृत्यू हो गई थी। उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर भी भुकम्प की दृष्टि से जोन-4 में आता है जाकि अत्याधिक संवेदनशील है।
उन्होंने बताया कि चार दिवसीय आपदा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान खोज एंव बचाव, प्राथमिक चिकित्सा की विभिन्न विधियां व समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उदे्श्य केवल आपदा प्रबंधन की जानकारी देने तक सीमित नही है अपितू सभी प्रशिक्षुओं को आपदा रक्षक के रुप में तैयार करना है । उन्होंने संवय सेवी प्रशिक्षुकों का आहवान किया कि वह आपदा बारे अपने गांव में जाकर लोगों आपदा बारे प्रशिक्षित करने के साथ-साथ को जागरुक करें।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त सिरमौर रजनीश शर्मा तथा जिला युवा केन्द्र के प्रभारी मुकुल शर्मा सहित अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।