सोलन (एमबीएम न्यूज): पश्चिमी सभ्यता के बढ़ते प्रचलन के बावजूद भुट्टिको ने हिमाचल प्रदेश की प्राचीन संस्कृति को संजोए कर रखा है। हिमाचल के बुनकरों द्वारा तैयार ऊनी वस्त्रों की मांग न सिर्फ भारतवर्ष में है, बल्कि विदेशों में भी भुट्टिको उत्पादों की कद्र करने वाले ग्राहकों की अच्छी खासी संख्या है। विभिन्न डिजाईनदार वस्त्रों को प्राप्त करने के लिए विदेशी ग्राहक निरंतर भुट्टिको प्रबंधन से संपर्क में रहते हैं। यही वजह है कि हिमाचल की प्राचीन हस्तकला के विदेशी भी दीवाने हैं।
हिमाचल प्रदेश में पारंपरिक हस्तकला को जीवंत रखने में जिला कुल्लू की भुट्टि बीबर्ज को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड अहम भूमिका निभा रही है। भुट्टिको उत्पाद की मांग सिर्फ भारतवर्ष में ही नहीं की जाती, बल्कि विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। भुट्टिको उत्पाद का वर्तमान में यूरोप, जापान, चीन व यूएसए को निर्यात किया जाता है। यानि हिमाचल की प्राचीन हस्तकला एवं दस्तकारी के विदेशी लोग भी कायल हैं। वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद आज भुट्टिको द्वारा तैयार किए जा रहे ऊनी वस्त्रों की मांग बड़े पैमाने पर की जाने लगी है।
यहां बतां दें कि जिला कुल्लू के भुठी गांव के 12 हथकरघा बुनकरों ने अपसी सहयोग से मात्र 23 रुपए की राशि एकत्रित करके एक सहकारी संस्था की नींव रखी थी।
संस्था ने धीरे-धीरे अपने कारोबार को बढ़ाया और आज संस्था का वार्षिक कारोबार करोड़ों रुपए में पहुंच गया है। 18 दिसबर,1944 को इस संस्था का पंजीयन रजिस्ट्रार सहकारी संभाएं पंजाब लाहौर ने किया था। आज के युग में भुट्टिको का नाम हथकरघा बनुकरों से जाना जाता है तथा यह देश के हथकरघा बनुकर उद्योगों में प्रमुख स्थान रखता है। बनुकरों ने हस्तकला में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए आज अपना आत्म स मान पाया है व दुनिया में बुनकरों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वेदराम ठाकुर के अथक प्रयासों से भुट्टिको को हिमाचल में नहीं, बल्कि भारतवर्ष में नई पहचान मिली है। वर्ष 1956 से 1971 तक श्री वेदराम ठाकुर ने भुट्टिों को न सिर्फ नई दिशा दिखाई,बल्कि प्रगति के पथ पर भी अग्रसर किया। भुट्टि बीबर्ज को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के महाप्रबंधक रमेश ठाकुर ने विशेष भेंटवार्ता में बताया कि स्व. वेदराम ठाकुर एक विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। हथकरघा तथा हस्तकला उद्योग में उनकी विलक्षण प्रतिभा थी। इसके अलावा विपणन तथा प्रबंधकीय ज्ञान में भी उनका कोई सानी नहीं था।
वेदराम ठाकुर ने प्रदेश के हथकरघा बनुकर परिवारों को संगठित करके उनको एक दिशा देकर संस्थान में एक नए जीवन का संचार किया। वेदराम ठाकुर ने प्रदेश के बुनकरों को ही मान सम्मान नहीं दिलाया, बल्कि प्रदेश के प्राचीन हस्तकला को भी जीवंत रखने में अतुलनीय योगदान दिया है। यही वजह है कि आज स्व. वेदराम ठाकुर को भुट्टिको की आत्मा के रूप में याद किया जाता है। हिमाचल प्रदेश के बुनकरों को नई पहचान दिलाने वाला यह शख्सियत वर्ष 1971 में दुनिया को अलविदा कह गया।
वेदराम ठाकुर के निधन के बाद भुट्टिको प्रबंधक मंडल सदस्य एवं पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर के कुशल नेतृत्व में कुल्लू शॉल उद्योग को न केवल उत्कृष्ट उत्पादन के रूप में ही स्थापित किया,बल्कि ठाकुर वेदराम के स्वपन को भी साकार करने में निर्णाय भूमिका निभाई है। महाप्रबंधक रमेश ठाकुर ने बताया कि सत्य प्रकाश ठाकुर के कर्मठ एवं कुशल नेतृत्व में भुट्टिको को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी याति प्राप्त की है। भुट्टिको द्वारा हथकरघा क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्य के लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कार (स्वर्ण) से स मानित किया है।
वर्ष 2005 में भुट्टिको को सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिए पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री से उद्योग रत्न के पुरस्कार से नवाजा गया है। संस्था को यह स मान प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया है। इसी तरह भुट्टी वीवर्ज द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है द्वारा वर्ष 2008-09 को आपरेटिव उत्तमता अवार्ड से स मानित किया गया है। यह पुरस्कार संस्था को कृषि मंत्री भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
भुट्टिकों के सभी शोरूम में कुल्लू शॉलें, लोईया, बच्चों के शॉल, मफलर, स्टोलज, पौंचू, टोपियां और कुल्लू के प्रसिद्ध हथकरघा, हस्तशिल्प से बनाए मैरिनों ऊनी, अंगोरा व पश्मीना के वस्त्र और पूलें शामिल हैं। सोलन के वीवॉटो मॉल में खुले भुट्टिको के शोरूम प्रभारी शेर सिंह ठाकुर व राजेश ठाकुर ने बताया कि ऑफ सीजन होने के बावजूद भी लोग भुट्टिको द्वारा तैयार वस्त्रों को खरीदने पहुंच रहे हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते ही भुट्टिको के उत्पादों की मांग बढऩे की पूरी उम्मीद है।
भुट्टि बीबर्ज को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटिड के जीएम रमेश ठाकुर ने बताया कि वर्तमान में भुट्टिको के कुल 32 शोरूम खुल चुके हैं। इसमें भुट्टि कालोनी, भुंतर बस स्टैंड, राष्ट्रीय मार्ग भुंतर, भुंतर एयरपोर्ट, मनाली मुख्य बाजार में, मनु मार्किट मनाली, क्लब हाउस मनाली, एनएसी मार्किट मनाली, अखाड़ा बाजार कुल्लू, मुख्य बस स्टैंड कुल्लू, व्यासा मोड़ कुल्लू, मनिकर्ण, बंजार, आनी, केलांग, पड्ड स्टेडियम मंडी, भोजपुर सुंदरनगर, घुमारवीं नजदीक बस अड्डा, पालमपुर, धर्मशाला, हमीरपुर, बौड नूपपुर, डलहौजी, मालरोड़ सोलन, लोअर बाजार मालरोड के समीप शिमला, पौंटा साहिब, उत्तराखंड के मसूरी और अगस्त क्रांति भवन भिकाजी कामा पैलेस नई दिल्ली कार्यरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भुट्टिको प्रदेश के अन्य कई स्थानों पर लोगों की सुविधा के लिए शोरूम खोलेगा।
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