नाहन से कामिनी ठाकुर की रिपोर्ट
आपने अक्सर देखा होगा कि इंसान अपने आशियाने को बनाने के लिए कई तरह के प्रयास करता है। जरूरत पड़े तो इंजीनियर या वास्तुकार की सहायता से अपने घर को सुंदर बनाने का प्रयास करता है। आशियाने को सजाने के लिए तरह तरह के जतन करता है। इंसान की भांति पक्षी भी तिनका-तिनका जोड़कर अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए खूबसूरत घोंसलों का निर्माण करते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे आशियाने से रूबरू करवाएंगे, जोकि बिना किसी नक़्शे के बनाया गया है। जी हां, यह आशियाना है पक्षियों द्वारा तैयार किया गया मिट्टी का घोंसला (Nest)।
सिरमौर मुख्यालय नाहन के समीप सैन की सेर पंचायत में कुलदीप सिंह के घर के आंगन में कुछ दिनों से एक नन्हीं चिड़िया ने गीली मिट्टी से अपने बच्चों के लिए सुंदर घर का निर्माण किया है। नन्हीं चिड़िया किस प्रजाति की है, इसका अंदाजा तो नहीं है, लेकिन जिस तरह से उसने आशियाने का निर्माण किया है, वो अदभुत है। नन्हीं चिड़िया की कला देखकर आप भी दंग रह जाएंगे।
कुलदीप सिंह की धर्मपत्नी बाला देवी ने बताया कि वो अक्सर चिड़िया को घर के आंगन में आते-जाते देखती थी, जो सामान्य था, क्योंकि उनके घर के अन्य हिस्सों में भी पक्षियों ने अपने घौंसले इत्यादि बना रखे हैं। एक दिन अचानक उनकी नजर आंगन में छत के कोने पर पड़ी। देखा कि मिट्टी के छोटे-छोटे टुकड़ों को जोड़कर बहुत खूबसूरत घौंसला बनाया गया है। कुछ देर में उसमें एक छोटी सी चिड़िया को जाते देखा, जो चोंच में भरकर कुछ लाई थी। घोंसला बेहद सुरक्षित बना है, जिसमें आने-जाने के लिए एक छोटा सा छेद या दरवाजा है, शेष चारों तरफ से बंद है।
बाला देवी ने इसके बारे घर के अन्य सदस्यों को भी बताया। परिवार ने निर्णय लिया कि पक्षी द्वारा निर्मित आशियाने को पूरी सुरक्षा दी जाएगी, ताकि वह आराम से रह सके। मिट्टी से निर्मित घौंसले में चिड़िया के बच्चे भी हैं। परिवार द्वारा उनके पालन-पोषण के लिए नियमित पानी व अन्न की व्यवस्था की जाती है।
पक्षी मिट्टी से कैसे तैयार करते है घोंसला…
आमतौर पर पक्षी पेड़ों पर रहना पसंद करते है, लेकिन कईं बार स्थान न मिलने के कारण घर के दरवाजे खिड़कियां या घर के किसी सुरक्षित कोने में अपना घर बना लेते हैं। ज्यादातर आपने पक्षियों को तिनके से तैयार किए घर बनाते देखा होगा, मिट्टी से बनाए इस तरह के घोंसले कम ही देखने को मिलते हैं। मिट्टी का यह घोंसला पक्षियों द्वारा अपनी छोटी सी चोंच से मेहनत कर तैयार किया गया है। पक्षी अपनी छोटी सी चोंच के सहारे गीली मिट्टी उठाकर अपने घर को बनाते है ताकि उनके परिवार व बच्चे सुरक्षित रह सके।
दरअसल, तिनके से बनाए घोंसले में पक्षी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, जिसमें आंधी तूफ़ान व बारिश में टूटने का खतरा बना रहता है। तिनके के घर असुरक्षित होने के कारण कईं बार पक्षी जन्म लेते ही मर जाते हैं या बड़े पक्षी, सांप इत्यादि जीवों के द्वारा मार दिए जाते हैं। मिट्टी से बने घोंसले में यह खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और इनके बच्चों को भी किसी तरह का डर नहीं रहता। सांप या बड़े पक्षी बच्चों को देख नहीं पाते और बच्चे जब तक खुद की रक्षा करने लायक या उड़ना न सिख जाए तब तक सुरक्षित रहते हैं।
घर में पक्षियों का घोंसला होना माना जाता है शुभ संकेत…
वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि घर में अगर पक्षियों द्वारा इस तरह के घर बनाए जाए तो शुभ संकेत होता है। घर में सुख-सौभाग्य व समृद्धि का आगमन होता है। पक्षियों का घोंसला घर में होना आपके घर में जल्द ही खुशियां आने का संकेत होता है। यह भी माना जाता है कि जिस घर में इनका डेरा होता है वहां धन-लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होती।
पक्षियों से मिलती है मेहनत की सीख…. कहते है अगर मेहनत की जाए तो हर कार्य सफल होता है। मन में कुछ करने की इच्छा हो और उस कार्य को करने में डटे रहे तो हर कार्य पूरा किया जा सकता है। मिट्टी का यह घोंसला देख हर कोई हैरान है कि आखिर इतनी सी चिड़िया अपनी चोंच में मिट्टी भरकर कैसे अपने घर का निर्माण करती है। इनके जीवन में भी कईं तरह के उतार-चढ़ाव व आंधी तूफ़ान आते हैं, लेकिन यह घबराने की बजाय उन समस्याओं का निपटारा करने में लग जाते है। इसलिए हमें कभी भी समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए और इनसे सीख लेकर उनका समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
पक्षियों की करनी चाहिए हर संभव मदद… आज की व्यस्त दिनचर्या में हम जैसे अपने आस-पास के वातावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से मुखर होते जा रहे हैं। हमारे आस-पास का वातावरण व उनमे रहने वाले जीव कहीं न कहीं हमारे लिए ही फायदेमंद होते हैं। हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए। मनुष्य जीवन की लापरवाही के कारण हमारी प्रकृति को नुकसान पहुंच रहा है, जिससे कई वन्य जीव व पशु पक्षी काल का ग्रास बन जाते हैं। हमें इनके प्रति हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। अगर इस तरह के घर कहीं बनाए जाए तो हमें उन्हें हटाने की बजाए उनकी हर संभव मदद करनी चाहिए। उन्हें अनाज खिलाना चाहिए। गर्मियों के मौसम में अपने घरों के बाहर, छतों पर पानी के बर्तन रखे जा सकते है और हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की भी व्यवस्था की जा सकती है।
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