शिमला, 19 अप्रैल : राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (National Security Guard) यानी आतंकरोधी बल। आम भाषा में देशवासी इस दल को ब्लैक कैट कमांडो (Black Cat Commando) या एनएसजी (NSG) के नाम से भी पहचानते हैं। सोचिए, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के चीफ की क्या होती होंगी विलक्षण प्रतिभा।
देवभूमि हिमाचल का शुक्रवार को समूचे राष्ट्र में उस वक्त सीना फक्र से चौड़ा हो गया, जब पहाड़ी प्रदेश के लाल ‘नलिन प्रभात’ को एनएसजी के चीफ (NSG Chief ) के तौर पर डीजी (DG) के पद पर तैनाती मिली। 1992 बैच के आईपीएस (IPS) अधिकारी को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) कैडर मिला था। सीआरपीएफ (CRPF) के एडीजी (ADG) के पद से वरिष्ठ आईपीएस (IAS) नलिन प्रभात को एनएसजी में डीजी बनाया गया हैं। वो सेवानिवृत्ति की तारीख ( 31 अगस्त 2028) तक की अवधि के लिए एनएसजी के महानिदेशक रहेंगे।
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चूंकि, आंध्र प्रदेश में नक्सलवाद (Naxalites) के खिलाफ बेखौफ होकर आईपीएस नलिन प्रभात ने जंग लड़ी है, लिहाजा ऐसा भी बताया जाता है कि वो नक्सलवादियों की हिट लिस्ट में हैं। 14 अगस्त 1968 को जन्में नलिन प्रभात हमेशा से ही लो प्रोफाइल में रहे हैं। शिमला में जन्में नलिन प्रभात वैसे तो सौम्य व शांत स्वभाव के हैं, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा की हो तो कड़क स्वभाव की वजह से देश विरोधी ताकतें भी कांप जाती हैं।
बता दें कि आंध्र प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ ग्रेहाउंड फोर्स (Greyhound force against Naxalites) का गठन भी किया गया था। इसके चीफ रहते हुए आईपीएस नलिन प्रभात नेे नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।
दीगर है कि देश में ब्लैक कैट (Black Cat) के नाम से पहचाने जाने वाले आतंकरोधी बल (anti terrorist force) एनएसजी का गठन 1984 में किया गया था। ये पहला अवसर है, जब कोई हिमाचली एनएसजी के चीफ के पद तक पहुंचा है। ये बात अलग है कि हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों ने एनएसजी में अनुकरणीय सेवाएं प्रदान की हैं। मुंबई के 26/11 हमले में एनएसजी ने अहम भूमिका निभाई थी।
ये भी हिमाचली….
नवंबर 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड ने मुंबई आतंकी हमले में ऑपरेशन ब्लैक टोरनेडो (Operation Black Tornado) को लॉन्च किया था। इस ऑपरेशन को भी हिमाचल के शिमला जिला के चौपाल के रहने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया ने लीड किया था। हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी (IPS Arvind Digvijay Singh Negi) की भी एनआईए (NIA) में 11 साल की लंबी सेवाएं रही हैं। इस दौरान नेगी का कार्य बेहतरीन रहा। इसके अलावा भी हिमाचल के शूरवीर एनएसजी में सेवाएं देते रहे हैं।
एनएसजी के अलावा बात की जाए तो इस समय धर्मशाला के रहने वाले आईपीएस रूपिन शर्मा (IPS Rupin Sharma) नागालैंड में पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) के पद पर तैनात हैं। नक्सलवाद के खिलाफ आईपीएस रूपिन शर्मा ने भी अनुकरणीय भूमिका निभाई है, वो वहां जेल व पुलिस विभाग के सुधार को लेकर भी अलग पहचान रखते हैं। आईपीएस रूपिन शर्मा को देश के सबसे युवा डीजीपी होने का गौरव भी हासिल है। वो 1992 बैच के ही आईपीएस हैं।
बिहार कैडर में चंबा के रहने वाले आईपीएस मनु महाराज (IPS Manu Maharaj) को भी रियल लाइफ का सिंघम (Real Life Singham) कहा जाता है। 2005 बैच के मनु महाराज ने भी नक्सलिज्म (Naxalism) के खिलाफ एक जानदार लड़ाई लड़ी है। एसएसपी पटना रहने के दौरान भी अक्सर ही राष्ट्रीय मीडिया में खासी चर्चा में रहते थे। बिहार में नीतीश सरकार के दौरान मनु महाराज की पहचान विश्वसनीय व दबंग अफसरों में होती थी। मौजूद में वो आईटीबीपी (ITBP) में डीआईजी के पद पर तैनात है।
ये भी खास….
इत्तफाक देखिए कि केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात की नियुक्ति के आदेश जारी किए। इस पर केंद्र सरकार की उप सचिव के नाते हिमाचल कैडर की अधिकारी देब श्वेता बनिक (IAS Debasweta Banik) के हस्ताक्षर हैं। केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में आईएएस अधिकारी की नियुक्ति के आदेश 6 मार्च 2023 को जारी हुए थे। 2012 में देब श्वेता बनिक ने यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में देशभर में 14वां रैंक हासिल किया था।
@R1