शिमला, 19 अप्रैल : सरकार ने हिमाचल के सभी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर दी है, लेकिन सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं का विरोध भी शुरू हो गया है। प्ले स्कूल एसोसिएशन इसके विरोध में उतर आई है। एसोसिएशन का कहना है कि पूरे हिमाचल में प्ले स्कूल चला रहे संचालक सरकार की इस नीति का विरोध नहीं करते, लेकिन दोनों स्कूलों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि रेगुलर स्कूल प्ले स्कूल के मामले में अभी उस स्तर तक नहीं पहुंचे हैं।
इनका कहना है कि पहले 6 साल का बच्चा सरकारी स्कूल में एडमिशन लेता था, लेकिन अब दो और तीन साल के बच्चों के लिए ही प्री-प्राइमरी कक्षाएं रेगूलर स्कूल में शुरू कर दी गई है। कोड ऑफ कंडक्ट के बाद एसोसिएशन प्रदेश सरकार और संबंधित अधिकारियों को भी इस बारे में ज्ञापन देगी। इनका कहना है कि सिर्फ एबीसी सिखाने के लिए ध्यान नहीं देते वे बच्चों के पूरे दिन का ध्यान रखते हैं। खाने के लिए उन्हें ठीक से खाने की सुनिश्चित करने से लेकर उन्हें सही तरीके से हाथ धोना सिखाने तक, हर छोटी चीज का ध्यान रखते हैं।
प्ले स्कूल में महत्वपूर्ण है स्वच्छता। बच्चे जल्दी समझ जाते हैं कि हाथ धोने का महत्व क्या है, खासकर भोजन से पहले। यह उन्हें स्वस्थ और खुश रखता है, ताकि वे मजे कर सकें और सीखें। प्ले स्कूल बच्चों के लिए एक दूसरा घर जैसा महसूस होता है। जबकि रेगुलर स्कूल का अपना स्थान है, प्ले स्कूल प्राथमिक शिक्षा के लिए स्पष्ट विजेता होते हैं। वे पूरे बच्चे का ध्यान रखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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