शिमला, 20 अप्रैल : देश के मानचित्र में हिमाचल प्रदेश एक छोटा सा राज्य है। यहां के युवाओं की पहचान मां भारती की रक्षा करने के लिए होती है, जो देश रक्षा में प्राण न्यौछावर करने में संकोच नहीं करते। पहाड़ों का पानी, मैदानों के काम आता है। पहाड़ी प्रदेश (Pahari Pardesh) के नौजवान देश की सबसे कठिन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में भी डंका बजा रहे हैं। 12 जिलों वाले राज्य से 7 युवाओं ने परीक्षा को क्रैक (Exam Crack) किया है। खास पेशकश में शानदार उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं से मुखातिब करवाने जा रहे हैं, जिनमें से किसी को पहले प्रयास में तो किसी को आखिरी प्रयास में सफलता मिली…
सबसे पहले बेटी
हिमाचल प्रदेश के मंडी जनपद में सफाई ठेकेदार की बेटी ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है। बल्ह घाटी की तरुणा कमल ने समूचे राष्ट्र में प्रदेश को गौरवान्वित किया है। साथ ही अपने पैतृक इलाके का गौरव भी बढ़ाया है। बल्ह घाटी के रत्ती गांव की रहने वाली तरुणा कमल ने यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में 203 वां रैंक (AIR-203) हासिल किया है। पिता अनिल सफाई ठेकेदार हैं। बेटी की कामयाबी से जहां क्षेत्र में खुशी का माहौल है, वहीं उनके घर में भी शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा हुआ है। पेशे से तरुणा कमल (Tarun Kamal) वेटनरी डॉक्टर भी है,पहले ही प्रयास में परीक्षा में सफलता हासिल की है।
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घुमारवीं से आर्यन शर्मा
23 साल के आर्यन शर्मा ने सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) में परचम लहराया है। पहली ही कोशिश में सफलता मिली है। आर्यन के पिता अश्विनी शर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय घुमारवीं में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है, जबकि माता मिनर्वा सीनियर सेकेंडरी स्कूल घुमारवीं में शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। आर्यन को देशभर में 352 वां (AIR-352) रैंक मिला है। एकाग्रता से रोजाना 8 से 10 घंटे की पढ़ाई सफलता का मूल मंत्र रहा है। जेईई मेन्स परीक्षा में सफलता के बाद चयन एनआईटी हमीरपुर (NIT Hamirpur) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिए हुआ। बीटेक के बाद नोएडा स्थित एक निजी कंपनी में बतौर एनालिस्ट कार्य किया।
मंडी से अनमोल
सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी (HAS officer) के बेटे अनमोल ने बीडीओ (BDO) के पद से ऊंची छलांग लगाई है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रशासनिक सेवा परीक्षा (HAS) में अनमोल ने प्रदेश भर में टॉप (Topper) किया था। सरकाघाट उपमंडल से संबंध रखने वाले 30 साल के अनमोल ने देश भर में 438 वां रैंक (AIR-438) हासिल किया है। होनहार बेटे के पिता कृष्णा नंद आरटीओ मंडी (RTO Mandi) के पद से सेवानिवृत हुए है। माता उषा मिनी विधानसभा यानी जिला परिषद (Zila Parishad) की सदस्य हैं। मौजूदा समय में अनमोल शिमला के टूटू में खंड विकास अधिकारी के पद पर तैनात है। अनमोल रोजाना 10 घंटे से ज्यादा पढ़ाई करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है।
चम्बा का रोहित
यूपीएससी की परीक्षा में 607 वां रैंक (AIR-607) हासिल करने वाले रोहित ने रुड़की (Roorkee) से बीटेक की है। इसके बाद निजी कंपनी (Private Company) ने सालाना 18 लाख रुपये के पैकेज का ऑफर (Offer) दिया। लेकिन पिता के सपने को साकार करने के लिए ठुकरा दिया। क्योंकि पिता चाहते थे कि वो यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा उत्तीर्ण करे। नतीजा यह है कि चंबा (Chamba) के भटियात की आवाज पंचायत के रोहित ने पिता के सपने को साकार किया है। रोहित का बचपन से ही यह सपना था जो अब जाकर पूरा हुआ है।
सिरमौर से निधि
यहां उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिलोकपुर की 25 वर्षीय बेटी निधि चौधरी ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की है। निधि को देश भर में 691वां रैंक (AIR-691) हासिल हुआ है। चौथे प्रयास में कामयाबी हासिल की है। होनहार बेटी की सफलता तीन मायनों में अहम है। वो, हरियाणा के सीमांत इलाकों में गुर्जर समाज(Gujjar Community) की पहली युवा है, जिसने देश की कठिनतम परीक्षा में सफलता पाई है।
इसके अलावा दो अन्य अहम बातें ये हैं कि निधि ने न तो कोचिंग ली, न ही तैयारी के साथ-साथ उच्च शिक्षा हासिल करने का प्रयास किया। चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पीजी कॉलेज से बायो टेक्नोलॉजी में बीएससी की डिग्री मिलते ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। साथ ही ऐसा भी नहीं है कि निधि ने नामी निजी विद्यालयों में पढ़ाई की हो। सेल्फ स्टडी (Self Study) को ही मूल मंत्र बनाया।
हमीरपुर से विनय
विनय कुमार ने 824 वां रैंक (AIR-824) पाकर UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की है। विनय कुमार चौकी जंबाला गांव के रहने वाले है, पिता पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic college) से हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट (HOD) के पद से सेवानिवृत हुए हैं, जबकि माता गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर के पद पर सेवाएं दे रही है। विनय ने चौथे प्रयास में परीक्षा (Exam) उत्तीर्ण की है। सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2020 में यह परीक्षा दी थी। 2019 में उन्होंने चंडीगढ़ में परीक्षा की कोचिंग ली। वर्तमान में वह जल शक्ति विभाग (Jal shakti Vibhag) इंजीनियरिंग कार्यालय हमीरपुर में कार्यरत है। यहां पर सेवाएं देने के साथ-साथ उन्होंने इस परीक्षा की पूरी तैयारी की और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर लिया है।
कांगड़ा के शम्मी भट्ट
पालमपुर के बल्ला गांव के शम्मी भट्ट ने यूपीएससी परीक्षा को छठे प्रयास में उत्तीर्ण किया है। 2015 से परीक्षा की तैयारी में लगे हुए थे। सफलता बिना कोचिंग के हासिल की है। बता दें कि शम्मी ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 10 से 12 घंटे पढ़ाई की है। साथ ही पत्नी के साथ निजी कंप्यूटर सेंटर भी चलाते है। शम्मी के पिता सेना में सेवानिवृत्ति रहे। शम्मी की दो साल की थी, जब पिता का देहांत हो गया। एक 5 साल के बेटे के पिता भी है। कांगड़ा के गद्दी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शम्मी ने जीवन में जटिल चुनौतियों का सामना किया है। फ़िलहाल रैंक को लेकर स्थिति साफ़ होने में समय लगेगा।