नाहन, 18 अप्रैल : शहरी परिवेश में सामान्य तौर पर महिला को एक शिशु को जन्म देना चुनौतीपूर्ण रहता है, लिहाजा सिजेरियन (cesarean) का विकल्प चुन लिया जाता है। लेकिन पहाड़ों की महिलाओं की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, एक साथ नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) में तीन बेटियों को जन्म दिया। ये भी खास है, मेडिकल काॅलेज के स्टाफ ने भी पूरी सजगता से ट्रिप्लेट (Triplets) डिलीवरी को अंजाम दिया।
गिरिपार क्षेत्र में ‘द ग्रेट खली’ की पंचायत नैनीधार के कलोग गांव की 28 वर्षीय किरण पत्नी मदन की गोद में पहले से ही अढ़ाई साल, चार वर्ष व 8 साल की बेटियां हैं। बावजूद इसके नॉर्मल डिलीवरी में एक साथ ही तीन और बेटियों को जन्म देकर 6 बेटियों की मां बन गई हैं।
वीरवार सुबह करीब 7 बजे किरण की गोद में एक साथ तीन बेटियों (Daughters) की किलकारी गूंजी। इन तीन बेटियों के बीच 7-7 मिनट का अंतर रहा। बेटियों का वजन पौने दो से दो किलो के बीच है। मेडिकल कॉलेज का स्टाफ भी ट्रिप्लेट डिलीवरी में महिला की प्रसूति सामान्य होने पर बेहद खुश है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज के इतिहास में संभवतः ये पहली बार ही है, जब जच्चा व बच्चा को रैफर नहीं किया गया।
तीन बेटियों के पिता मदन सिंह ने बताया कि जुड़वां बच्चों (Twins) की जानकारी दी गई थी। लिहाजा वो दो बच्चों के कपडे ही लेकर आये थे। उन्होंने कहा कि घर पर कन्याओं ने जन्म लिया है। पेशे से मिस्त्री मदन सिंह को उम्मीद है कि बेटियों की परवरिश में प्रशासन व सरकार से मदद मिलेगी।
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बता दें कि पिछले 20-25 सालों में नाहन अस्पताल में ट्रिप्लेटस प्रसूति इक्का-दुक्का ही होगी। गर्भवती किरण को आज ही मेडिकल काॅलेज (Medical College) में दाखिल करवाया गया था। प्रसव पीड़ा शुरू होते ही स्टाफ हरकत में आ गया, क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट पहले ही इस बात का संकेत दे चुकी थी कि किरण की कोख में तीन शिशुओं के दिल धड़क रहे हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) डाॅ. प्रतिभा ने कहा कि जच्चा व बच्चा की हालत पूरी तरह से स्थिर है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने माना कि नॉर्मल डिलीवरी में तीन बच्चों को एक साथ जन्म देना कठिन होता है। उन्होंने बताया कि तीनों ही बेटियां स्वस्थ हैं। जच्चा व बच्चा पर पूरी निगरानी रखी जा रही है।
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