शिमला, 01 अप्रैल :शिमला पुलिस द्वारा प्रदेश सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने और लेन-देन के मामले में दर्ज एफआईआर (FIR) में नामजद हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और कांग्रेस के बागी व गगरेट के अयोग्य करार दिए गए विधायक चैतन्य शर्मा के पिता व सेवानिवृत्त आईएएस राकेश शर्मा की अग्रिम जमानत 26 अप्रैल तक बढ़ गई है।
सोमवार को हाईकोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। हालांकि हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देते वक्त स्पष्ट किया कि जब पुलिस राकेश शर्मा और आशीष शर्मा को जांच के लिए बुलाएगी तो उन्हें जांच में शामिल होना होगा। बीते 12 मार्च को हाईकोर्ट ने आरोपित बनाए गए इन दोनों को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी।
दरअसल, एफआईआर में नामजद होने के बाद पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाना था। इससे बचने के लिए दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। हाईकोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। दोनों आरोपी बीते शनिवार को बालूगंज पुलिस स्टेशन में पेश हुए थे। इस दौरान पुलिस की एसआईटी (SIT) ने दोनों से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की थी।
गौरतलब है कि विधायक आशीष शर्मा और सेवानिवृत्त आईएएस राकेश शर्मा के विरूद्ध शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी (IPC) की धारा-171 ई और 171 सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में इनके अलावा अन्य अज्ञात लोगों को भी नामजद किया गया है। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर पुलिस ने यह एक्शन लिया है।