कुल्लू, 24 मार्च : कांगड़ा में शहीद दिवस के उपलक्ष्य में स्वर कोकिला कुल्लू की पंडित खुशबू भारद्वाज को सम्मानित किया गया। खुशबु को गोल्ड मेडल और कला संस्कृति के संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। उनके संगीत को सुनकर सम्पूर्ण सभागार मंत्रमुग्ध हो गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में कारगिल वार के हीरो नायक दीपचंद समेत पूरे भारत से गणमान्य व्यक्ति कांगड़ा पहुंचे थे। कार्यक्रम का आयोजन हिमालयन सेवियर्स द्वारा किया गया। वहीं, दूसरी तरफ़ स्वर कोकिला की मधुर ध्वनि में शहीदी गीत सुनकर कारगिल योद्धा समेत सभी की आंखे नम हो गई।
“होनहार बिरवान के होत चिकने पात” यह बात खुशबू पर सटीक बैठती है। छोटी उम्र से ही ख़ुशबू को संगीत का शौक़ था। बता दें कि यदि कहीं कोई कार्यक्रम होता है तो ख़ुशबू की भागीदारी सबसे पहले रहती है। ख़ुशबू गर्व से कहती है कि जो अपने पारम्परिक संगीत में लय रस और संस्कार है उसका कोई मुक़ाबला नही है। ख़ुशबू ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति से प्यार करना चाहिए इसे सर्वोपरि बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। ख़ुशबू ने देश ही नही अपितु बाहरी प्रदेशों में भी अपनी संस्कृति को बिखेरा है।
खुशबू संगीत में गोल्ड मेडल जीत कर देश नहीं अपितु कुल्लू का नाम रोशन कर चुकी है। हाल ही में खुशबू अंतर्राष्ट्रीय कार्निवल मनाली में निर्णायक मंडल की भूमिका निभा चुकी है। खुशबू बहुत से नामी पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है, जिसमें नेशनल अवॉर्ड, सीएम अवार्ड जैसे बहुत से पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है। ख़ुशबू एनसीसी में भी बतौर सीनियर अंडर ऑफिसर की भूमिका भी निभा चुकी है।
खुशबू मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती है। खुशबू की माता रविन्द्रा भारद्वाज स्वयं संगीत प्रेमी है। खुशबू ने सदैव अपनी कामयाबी का श्रेय माता पिता गुरुजनों व मित्रों को दिया है।