शिमला,12 मार्च : हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर कड़ा एतराज जताया है। उनका कहना है कि एसोसिएशन ने पहले ही सरकार को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने की सूचना दी थी। ऐसे में उनको स्वास्थ्य निदेशक द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करना उचित नहीं है। मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने सरकार द्वारा उनकी मांगों को न माने जाने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक उनका यह संघर्ष जारी रहेगा।
एसोसिएशन के महासचिव डॉ विकास ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर एकजुट है और इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर न तो स्वास्थ्य निदेशक के किसी पत्र से ही डरने वाले हैं और न ही धमकियों से। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसी को भी आंदोलन करने की पूरी आजादी है।
एसोसिएशन ने प्रदेश में बदहाल व दिनों दिन चरमरा रही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य निदेशक को पूरी तरह दोषी ठहराया है। डॉ विकास ठाकुर ने कहा कि डॉक्टरों के न तो रिक्त पदों को भरा जा रहा है और न ही उन्हें समय पर पदोन्नतियां दी जा रही है। उन्होंने स्वास्थ्य निदेशक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि निदेशक पूर्वाग्रह से ग्रसित है और डॉक्टरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जहां एक ओर चिकित्सा अधिकारियों की सरकार ने नियुक्ति नहीं की है। वहीं दूसरी ओर एमबीबीएस चिकित्सकों के स्वीकृत पदों पर अन्य विभागों के अधिकारियों को नियुक्तियां दी जा रही है। उनका कहना है कि एक तरफ विभाग में स्वर्ग सिधार चुके चिकित्सकों, जिन चिकित्सकों ने नौकरी छोड़ दी है या अन्य विभागों में चले गए हैं तथा जिन चिकित्सकों ने यह लिख कर दे दिया है कि उन्हें पदोन्नति नहीं चाहिए, उनकी भी एसीआर मांग रहा है और खंड चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति नहीं कर पा रहा है।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने शीघ्र एसीआर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर पदोन्नति करने के निर्देश दिए थे, लेकिन संघ को संघर्ष की राह पर 55 दिन हो गए हैं। लेकिन मांगों को पूरा नहीं किया गया है। वही, चिकित्सकों आंदोलन को कुचलने की कार्यवाही 2 दिन के भीतर करने के निर्देश स्वास्थ्य निदेशक ने जारी कर दिए हैं।