बिलासपुर, 6 मार्च : न हताश हुई, न निराश हुई, अवसाद को तो नजदीक तक नहीं फटकने दिया। बार-बार असफलता भी कदमों को नहीं डगमगा सकी। फिर, बुधवार शाम जो हुआ…उसने उन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिया….कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जनपद के नैना देवी (Naina Devi) के लखनू गांव की 26 वर्षीय हिमानी ने 2019 में देखा सपना अथक कोशिश से बुधवार शाम को उस समय पूरा कर लिया, जब हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने हिमाचल प्रशासनिक सेवा 2023 (HAS-2023) का परिणाम जारी किया। परीक्षा में हिमानी को दूसरा स्थान मिला है।
उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) में उप निदेशक (deputy director) के पद से सेवानिवृत सुरेंद्र पाल शर्मा व हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक (Himachal Pradesh State Cooperative Bank) में प्रबंधक के पद पर तैनात चंपा कुमारी के घर जन्मीं हिमानी ने सफलता की एक खास इबारत लिखी है।
न हताश न निराश….
हिमानी ने 2018 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के यूआईटी से आईटी में बीटेक (B.Tech in IT) की शिक्षा हासिल की। गोल्ड मेडलिस्ट बनकर माता-पिता को गौरवान्वित किया था। 2019 में एचएएस (HAS) की परीक्षा में पहले ही प्रयास में हिमानी ने एचएएस की परीक्षा में साक्षात्कार तक पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद 2020 में प्रारंभिक परीक्षा में भी सफलता नहीं मिली। 2022-23 में मेन्स परीक्षा नहीं उत्तीर्ण कर पाई।
हिमानी ने हिम्मत व कठिन परिश्रम को नहीं छोड़ा। चार बार मेन्स परीक्षा तक पहुंचने में कामयाब रही। हिमानी के आखिर सफलता ने कदम चूम ही लिए हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऐसी परिस्थितियों में युवा हताश भी हो जाते हैं। बार-बार सफलता न मिलने से निराशा के साथ-साथ अवसाद भी घेर लेता है, लेकिन हिमानी ने तमाम चुनौतियों का सामना कर डगर को पार कर ही लिया।
नौकरी भी ठुकराई….
चूंकि, आईटी बीटेक में गोल्ड मैडलिस्ट थी, लिहाजा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी के अवसर भी थे। कैंपस से ही हिमानी की प्लेसमेंट विप्रो में हो गई थी, लेकिन इससे पहले वो प्रशासनिक अधिकारी बनने की जिद कर चुकी थी। आखिर, अपनी जिद को पूरा कर हिमानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी बन गई हैं।
सेल्फ स्टडी….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में हिमानी ने कहा कि 2019 में कोचिंग ली थी। लेकिन इसके बाद लगातार पांच साल तक सेल्फ स्टडी के बूते ही तैयारी में जुटी रही। निराशा व हताश न होने को लेकर पूछे सवाल पर हिमानी ने कहा कि परिवार का पूरा सहयोग मिला। हालांकि, एक साल पहले से खुद को आईटी के कोर्स में ही अपग्रेड करना शुरू कर दिया था। लेकिन हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम की जानकारी मायने रखती है। पिछले पांच साल में परीक्षा को लेकर कई बदलाव होते रहे, लेकिन वो खुद को अपडेट करती रही। उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी आया था, जब नायब तहसीलदार का साक्षात्कार भी क्लीयर नहीं हुआ, लेकिन वो अपने अल्टीमेट गोल पर निशाना साधे थी।