शिमला, 02 मार्च : हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित हरेक पहलू पर विचार करने के लिए प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP Himachal) ने पुलिस के आला अधिकारियों का बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स (Board of Officers) का गठन किया है। आईजी ( इंटेलिजेंस) संतोष कुमार पटियाल को बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स का चेयरमैन बनाया गया है। इसके तीन सदस्य होंगे।
कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री, शिमला के एसपी संजय गांधी और सीआईडी के एसपी भुपिंद्र सिंह नेगी इस टीम के सदस्य होंगे। बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स को विधानसभा की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं पर विचार कर 10 मार्च तक पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू को अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
खफा थे स्पीकर…
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला में हुए बजट सत्र की आखिरी दो बैठकों में सता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी खींचतान देखने को मिली थी। विधानसभा में विपक्षी दल के हंगामे के बाद निलंबित भाजपा सदस्यों को सदन से बाहर निकालने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक से विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया बेहद खफा थे। विधानसभा सचिवालय में पहली मार्च को सुरक्षा से संबंधित एक समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि भविष्य में इसे न दोहराया जाए तथा विधानसभा के सुरक्षा कवच को मजबूत व अभेद्य बनाया जाए।
इस बैठक में उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में सुरक्षा में चूक हुई है और आदेश दिए थे कि विधानसभा में स्थाई सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए थे। इस बैठक में गृह सचिव अभिषेक जैन, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था अभिषेक त्रिवेदी, पुलिस महानिरीक्षक दक्षिण रेंज पीडी प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक सतर्कता संतोष पटियाल, विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी, पुलिस अधीक्षक सीआईडी जिला शिमला भूपेन्द्र नेगी, कमांडेंट होम गार्ड तृतीय वाहिनी नविता शर्मा तथा संयुक्त सचिव विधान सभा बेग राम कश्यप शामिल थे।
बैठक के दौरान कुलदीप सिंह पठानिया ने अधिकारियों से कहा कि लोकसभा तथा विधान मंडल संसदीय प्रणाली के सर्वोच्च संस्थान हैं जिन्हें सुरक्षा मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। सत्र के दौरान सदन के अन्दर सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक तथा आपसी तालमेल की कमी पर खेद व्यक्त करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भविष्य में इसे न दोहराया जाए तथा विधानसभा के सुरक्षा कवच को मजबूत तथा अभेद्य बनाया जाए।
पठानिया ने कहा कि अब समय काफी बदल चुका है तथा बदलते परिवेश व कई लोगों की अवांछित कार्यशैली के अनुरूप ही हमें शिमला व तपोवन (धर्मशाला) में सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। आजकल विधायकों तथा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को कई आपराधिक प्रवृति वाले संगठनों तथा आपसी रंजिश के चलते व्यक्तिगत धमकियां मिल रही हैं। उसका मुकाबला करने के लिए हमें पहले ही तैयार रहना होगा तथा वारदात को अंजाम देने से पहले ही उसका उचित हल ढूंढना होगा। विधानसभा अध्यक्ष के निर्देशों पर अमल करते हुए पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स का गठन कर 8 दिनों में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।