शिमला, 29 फरवरी : नातिन के साथ बलात्कार मामले में शिमला में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो/बलात्कार अमित मंडयाल की अदालत ने नाना को 20 साल कठोर कारावास (Imprisonment) के साथ 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। ये सजा अदालत ने सरकार बनाम सुभाष चंद मामले में आरोपी सुभाष चंद को आईपीसी (IPC) की धारा 376, 506 और पोक्सो अधिनियम (Pocso Act) की धारा 6 के तहत सुनाई है। साथ ही आईपीसी की धारा 506 के तहत 6 महीने का कठोर कारावास व 1,000 रुपये जुर्माना की सजा भी सुनाई गई है व आरोपी को 2 लाख रुपये का मुआवजा भी देना होगा।
अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व उप जिला न्यायवादी (District Attorney) संगीता जस्टा द्वारा किया गया। मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष (Prosecutors) ने इस मामले को साबित करने के लिए 17 गवाहों की जांच की की गई। मुकदमे के समापन पर दलीलें सुनी गईं।
मामला 3 दिसंबर 2021 का है, जब पीड़िता स्कूल जा रही थी तो आरोपी सुभाष (जो रिश्ते में उसका नाना लगता था) ने उसके साथ जंगल में बलात्कार किया। किसी को बताने पर उसे मार डालने की धमकी दी। इसके बाद पुनः 12 दिसंबर 2021 को फिर सुभाष चंद ने शाम को करीब 8 बजे पीड़िता को अपने घर में जबरदस्ती खींच कर उसके साथ 2 बार बलात्कार किया। वारदात का खुलासा तक हुआ जब पीड़िता की माता उसको चैकअप के लिए अस्पताल ले गई। वहां उन्हें मालूम हुआ कि बेटी 6 महीने से गर्भवती है।
तथ्यों के आधार पर पुलिस स्टेशन चिड़गांव में आईपीसी की धारा 376, 506 और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई।विशेष न्यायाधीश, शिमला की अदालत ने आरोपी को जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया।