शिमला, 15 फरवरी : राज्य के सरकारी स्कूलों में अब प्री प्राइमरी से वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों तक एक ही क्लस्टर सिस्टम लागू होगा। प्रदेश सरकार ने इस बारे में नई गाइडलाइन जारी की है। स्कूलों में आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह नई दिशा-निर्देश बनाए हैं और इन्हें लागू करने के लिए अब अधिसूचना भी जारी की गई है।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से ही अधिसूचना जारी की गई है जिसमें स्कूल क्लस्टर सिस्टम अब तत्काल प्रभाव से पूरे प्रदेश में लागू होगा। इसमें 300 से 500 मीटर के दायरे में आ रहे स्कूलों में यह सिस्टम लागू होगा। स्कूलों के बीच आपसी संबंध को बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। इसमें प्राथमिक स्कूलों से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक की पाठशालाओं के स्कूलों में अपने संस्थान के मुखिया से हर प्रशासनिक कार्य के लिए परमिशन लेनी होगी। यानी अब जेबीटी अध्यापकों की छुट्टी, डेपुटेशन और टूर प्रोग्राम सीएचटी तय करेंगे।
यानी अब जेबीटी टीचरों को छुट्टी पर जाना होगा तो उन्हें स्कूल प्रिंसिपल की परमिशन लेनी होगी। यदि यह शिक्षक लंबी छुट्टी के लिए जाता है तो उसे क्लस्टर कमेटी के अध्यक्ष सदस्य सचिव को भी इस बारे में सूचना देनी होगी ताकि विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किसी और शिक्षक की वैकल्पिक तौर पर व्यवस्था की जा सके। प्रदेश में अब यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए स्कूल क्लस्टर समिति बनेगी जिसमें वरिष्ठ माध्यमिक उच्च माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल हेड मास्टर अध्यक्ष होंगे।
इसके अलावा कलस्टर में दोनों स्कूलों के एसएमसी में से एक एक सदस्य होंगे जिसमें अभिभावक भी समिति के सदस्य हो सकते हैं। गौर रहे कि सरकार की इस पहल से 300 से 500 मीटर की दूरी पर उन पाठशालाओं में हो सिस्टम लागू होगा जहां पर प्राथमिक पाठशाला होगी और दूसरी माध्यमिक अथवा उच्च पाठशाला माध्यमिक पाठशाला होगी। यह क्लस्टर स्कूल व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए का मॉडल के तौर पर कार्य करेंगे।
यह भी तय किया गया है कि जहां माध्यमिक स्कूलों के साथ प्राथमिक पाठशाला का क्लस्टर बनेगा वहां हेड मास्टर और प्राथमिक स्कूल के इंचार्ज में से जो सेवा अवधि के आधार पर वरिष्ठ होगा उसे क्लस्टर समिति का अध्यापक सदस्य सचिव बनाया जाएगा।