धर्मशाला, 08 फरवरी : हिमाचल की सर्द रातों में एक डाॅग ‘‘अल्फा’’ ने मालिक का मौत के बाद भी साथ नहीं छोड़ा। अल्फा की बदौलत ही पुलिस शवों तक पहुंच पाई। पहाड़ी प्रदेश में अल्फा की वफादारी खासी चर्चा में है। बीड़ बीलिंग (Bir Billing) की खाई में एक अनहोनी घटना में पठानकोट के 33 साल के अभिनंदन गुप्ता व महाराष्ट्र के पुणे की 28 वर्षीय परिणीता बाला साहेब की मौत हो गई।
पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली तो सर्च ऑपरेशन (Search Operation) शुरू किया गया। सर्च टीम आवाज लगाकर तलाश कर रही थी, इसी दौरान 6 फरवरी की सुबह कुत्ते के जोर-जोर से भौंकने की आवाज सुनाई दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि अल्फा दो शवों के बगल में बैठा हुआ था। शायद दो दिन से अल्फा ने कुछ खाया भी नहीं था।
4 फरवरी को बीड़ घाटी में जबरदस्त हिमपात हुआ था। इसी दिन मृतक अभिनंदन गुप्ता व परिणीता पैरा ग्लाइडिंग (para gliding) स्लाॅट के टेक ऑफ़ प्वाइंट तक पहुंचे थे। ऐसा माना जा रहा है कि टेक ऑफ़ स्थान से अभिनंदन व परिणीता ने ट्रैकिंग (Trekking) के लिए पहाड़ी से नीचे उतरने का निर्णय लिया होगा। इसी दौरान गिरने से मौत हो गई।
ये बात तो सामने आई है कि अभिनंदन गुप्ता को हैड इंजरी हुई थी। फिलहाल ये नहीं पता कि परिणीता भी गिरी थी या नहीं। परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि दोनों ही एक साथ नीचे गिरे थे। हो सकता है कि एक-दूसरे को बचाने की कोशिश भी की हो। उल्लेखनीय है कि टेक ऑफ़ स्थान तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की दूरी 18 किलोमीटर है, जबकि नीचे आने के लिए 7 से 8 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है।
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तलाश के दौरान अभिनंदन को आवाजें लगाई जा रही थी। इस दौरान अल्फा का नाम भी पुकारा जा रहा था, क्योंकि खोजी दल को इस बात का पता था कि अल्फा नाम का कुत्ता भी उनके साथ ही है। शव भी एक-दूसरे की बगल में ही थे, वहीं अल्फा भी बैठा हुआ था। मानों अल्फा मालिक के शव की पहरेदारी कर रहा हो। आशंका ये भी है कि अभिनंदन व परिणीता जख्मी हालत में खाई में ही पड़े रहे। ठंड भी जानलेवा साबित हुई।
बहरहाल, पुलिस भी ये मान रही है कि सर्च ऑपरेशन में अल्फा मददगार बना। यदि वो नहीं भौंकता तो तलाश में देरी भी हो सकती थी। दोबारा हिमपात की सूरत में शवों को ढूंढना मुश्किल भी हो सकता था। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक वीर बहादुर ने कहा कि शवों का पोस्टमार्टम करवा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि 300 से 400 मीटर खाई में गिरने के कारण दोनों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट 5 फरवरी को ही मिली थी, इसी दिन खोजी दल घटनास्थल पर पहुंच गया था, लेकिन शवों को 6 फरवरी की सुबह बरामद किया गया।