हमीरपुर, 30 जनवरी : टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति सूची शिक्षा विभाग 10 फरवरी तक जारी करे। 7 माह से इस सूची के जारी होने की प्रतीक्षा शिक्षक कर रहे हैं और कई पात्र शिक्षक बिना प्रमोशन इस अवधि में सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार तबादलों से प्रतिबंध अविलंब हटाए, क्योंकि आचार संहिता लागू होने से पहले सामान्य तबादले और लंबित पदोन्नति प्रक्रियाएं पूरी की जानी चाहिए।
इस बारे में राजकीय टीजीटी कला संघ ने एक मांग -पत्र प्रदेश मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव को भेजा है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट डेलीगेट्स संजय ठाकुर , दुनीचंद, सोहन सिंगटा, सुरेश कुमार, रणवीर तोमर, सागर चंदेल, संजय वर्मा, विजेश अत्री, विजय बरवाल, सुभाष भारती, राकेश चौधरी, पवन धीमान, कुलबीर सिंह, रिग्ज़िन संदप, यशपाल सिंह, जरनैल सिंह, रामकृष्ण, मोहिंद्र ठाकुर, रमेश अत्री, अमित छाबड़ा ने कहा कि अप्रैल माह में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले लंबित पदोन्नति और भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण करनी चाहिए, लेकिन टीजीटी से लेक्चरर प्रमोशन सूची जारी नहीं की जा रही है और बैच आधारित टीजीटी और जेबीटी भर्ती सूचियां भी अब तक जारी नहीं हो सकी हैं।
इसके अलावा लंबित 12 प्रतिशत डीए में इस माह और इजाफा होने वाला है, जिसके चलते लंबित डीए का भुगतान जटिल होता जाएगा। ऐसे में बजट सत्र में अधिकतम डीए की अदायगी की घोषणा की जानी चाहिए। गत माह जनवरी में डीए देने की घोषणा का वचन निभाना आवश्यक है। संघ ने रोष जताया कि एरियर की पेमेंट्स की कोई स्पष्ट रूपरेखा तय नहीं है। जनवरी 2026 से अगला वेतन आयोग लागू करना बाकी है। 2016 से लागू वेतन आयोग का एरियर 8 साल में भी नाममात्र मिला है।
कोविड में कर्मचारियों का 18 प्रतिशत डीए छीना गया है, जबकि 12 प्रतिशत डीए लंबित है। एरियर का न तो मूलधन मिल रहा है और न ही ब्याज। डीए पेमेंट्स देरी से एक साथ हुई तो इस राशि का बड़ा भाग टैक्स में कटेगा। समय पर भुगतान करने से ऐसा नहीं होता है। ऐसे में कर्मचारियों में घोर निराशा पनप रही है और सरकार को लंबित डीए भुगतान शीघ्र करना चाहिए।