नाहन, 13 जनवरी : वैसे तो, जयपुर के सिटी पैलेस व सिरमौर पैलेस के बीच रिश्ता 10 मार्च 1966 को उस वक्त शुरू हुआ था, जब महाराजा सवाई मानसिंह-II के बड़े बेटे ब्रिगेडियर भवानी सिंह व सिरमौर के अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश की बेटी पदमिनी देवी परिणय सूत्र में बंधे थे। तीसरी पीढ़ी में 19 वर्षीय ‘लक्ष्यराज प्रकाश’ इस रिश्ते को अटूट बना रहे हैं।
मंगलतिलक के वक्त लक्ष्यराज 9 बरस के थे। अब व्यस्क होने के बाद सिरमौर रियासत के उत्तराधिकारी होने के नाते पूर्वजों के पदचिन्हों पर दूरदर्शिता से कुछ करना चाहते हैं।
एक बच्चा, जिसने बचपन से ही राजसी ठाटबाट देखें हों, विदेश में पढ़ाई कर रहा हो, नानी जयपुर की राजमाता हैं, जबकि मां हाल ही में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री बनी हैं। वो बच्चा….नाहन में एक साधारण से बालक की तरह चार दिन बिताता है।
लक्ष्यराज प्रकाश अकूत संपत्ति का वारिस है, साथ ही राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी का छोटा बेटा है। नाहन में हर कोई लक्ष्य को अपने बीच का ही महसूस कर रहा था। सादगी की परिपाटी महाराज लक्ष्यराज प्रकाश ने चौगान मैदान में जमकर फुटबॉल खेला। पहनावा भी साधारण था, कलाई पर अमीरजादों के बच्चों की तरह महंगी घड़ी नहीं थी। चाहे तो बेशकीमती कारों का संग्रह कर सकता है, लेकिन लक्ष्य को तो कारों में कोई दिलचस्पी ही नहीं है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क के कार्यालय में बेहद ही क्यूटनेस व सादगी से महाराजा लक्ष्य राज प्रकाश ने हल्की-फुल्की वार्तालाप में सवालों के जवाब बेबाक तरीके से दिए। मुख्य संपादक शैलेंद्र कालरा से लंबी बातचीत के खास अंश….
संवाददाता : आपको, सिरमौरवासी महाराज कहकर भी संबोधित करते हैं, क्या कहना चाहेंगे?
लक्ष्यराज : मुस्कुराते हुए…ये लोगों का प्यार व स्नेह है। अच्छा लगता है। संबोधन के लिए किसी पर दबाव नहीं डाल सकते। परिवार ने जो जिम्मेदारी दी है, निभाने की कोशिश कर रहा हूं।
संवाददाता : राजपरिवारो में जन्म लेने वाले बच्चों को राजसी ठाटबाट मिलते हैं, आम लोगों से अलग-थलग रहना पड़ता है?
लक्ष्यराज : जी बिलकुल ऐसा नहीं है…मैं एक आम बच्चा रहा हूं। बोर्डिंग स्कूल में कपड़े भी धोए हैं। सफाई भी खुद करता हूं। परिवार ने एक साधारण बच्चे की तरह ही परवरिश की है। हमेशा धरातल पर रहने का पाठ पढ़ाया है।
संवाददाता : हर कोई जानना चाहता है, महाराजा लक्ष्यराज प्रकाश कितनी संपत्ति के वारिस हैं?
लक्ष्यराज : एक बार फिर मुस्कुराते हुए…..मैं केवल 19 साल का हूं…इस सवाल का जवाब तो माता-पिता ही दे सकते हैं।
संवाददाता : जयपुर के सिटी पैलेस और सिरमौर के शाही महल में क्या अंतर देखते है?
लक्ष्यराज : कोई अंतर नहीं है, दोनों ही मेरे घर हैं। साथ ही ऐतिहासिक महत्व है।
संवाददाता : आप की मम्मा दिया कुमारी जी आज राजस्थान की उपमुख्यमंत्री है, चुनाव के दौरान आपकी जिम्मेदारी रही?
लक्ष्यराज : चुनाव में मेरी सक्रिय भूमिका नहीं थी। मैं उस समय लंदन में पढ़ाई कर रहा था। भावनात्मक तौर पर जुड़ा हुआ था।
संवाददाता : कौन सी गाड़ी पसंद है?
लक्ष्यराज : मुझे लग्जरी गाड़ियों का शौक नहीं है। आप स्पोर्टस की बात करें तो मैं बता सकता हूं। क्रिकेट व फुटबॉल का शौक है।
संवाददाता : जयपुर राजघराने की एक धरोहर जयगढ़ किला भी है, इसके बारे में कुछ बताएं?
लक्ष्यराज : परिवार की अनमोल विरासत है, जिसका इतिहास वैभवशाली है। मैं तो नाहन वासियों को कहना चाहूंगा, आप आइए।
संवाददाता : सिरमौर के अंतिम शासक खूबसूरती के लिए भी एक पहचान रखते थे, आप भी हैंडसम हैं….क्या एक्टर बनना चाहेंगे?
लक्ष्यराज : तारीफ के लिए शुक्रिया…एक्टर बनने का खास शौक नहीं है। खेलने का शौक है।
संवाददाता : मंगल तिलक के समय उम्र महज 9 साल थी, क्या वो निर्णय सही था?
लक्ष्यराज : परिवार से संस्कार मिले हैं, निर्णय को स्वीकार किया है। मुझे नहीं लगता कि निर्णय सही नहीं था।
संवाददाता : सिरमौर रियासत के शासक दूरदर्शी रहे, उस जमाने में औद्योगिकीकरण की कल्पना की थी, क्या कहेंगे?
लक्ष्यराज : मैं लंदन से जब भी जयपुर में छुट्टी आता हूं, नाहन आने का ही मन करता है। मुझे भी पूर्वजों की दूरदर्शिता का अंदाजा है। अब समय बदल चुका है, इतना जरूर कहूंगा…शहर में हैरिटेज टूरिज्म की संभावनाओं का दोहन करने का प्रयास होगा।
संवाददाता : 60 के दशक की मूवी ‘गुनाहों का देवता’ देखी है क्या, जिसमें शाही महल का खूबसूरती से फिल्मांकन हुआ था?
लक्ष्यराज: बिलकुल देखी है, इस फिल्म को देखकर ही मुझे काफी पता चला। तकरीबन 50 साल पहले शाही महल की खूबसूरती बेहद मनमोहक थी, वैसा ही वैभव लाने का प्रयास रहेगा।
संवाददाता : क्या आप को टूथपेस्ट खत्म होने पर इसे दबा कर निकालना पड़ता है?
लक्ष्यराज : कई बार हुआ है, टूथपेस्ट खत्म हो जाता है तो दबा कर निकालो या कुछ और इंतजाम भी करो।
संवाददाता : नॉर्वे की राजकुमारी के साथ कपल वीडियो पर क्या कहना चाहेंगे?
लक्ष्यराज : पेरिस में इवेंट हुई थी। दुनिया के 20 राजपरिवारों की अगली पीढ़ी का परिचय हुआ। इस दौरान सिरमौर के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया था। एक अच्छा अनुभव रहा था। ये इवेंट हर साल आयोजित होती है।
संवाददाता : एमबीएम न्यूज नेटवर्क के कार्यालय में आने पर धन्यवाद।
लक्ष्यराज : मुझे भी खुशी है आप सबसे मिलकर, मैं भी एमबीएम टीम का आभार जताना चाहता हूं।