नाहन, 7 जनवरी: एक वक्त था, जब शहर की फुटबॉल (Football)के प्रति जबरदस्त खुमारी थी। 90 के शुरूआती दौर में न केवल उत्तर भारत बल्कि देश भर में शहर के फुटबॉल की अलग पहचान थी। मगर विडंबना ये रही, फुटबॉल ने धीरे-धीरे पहचान खो दी।
अच्छी खबर ये है, सिरमौर रियासत (Sirmaur State) के अंतिम शासक राजेंद्र प्रकाश की नातिन व राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी (Rajasthan Deputy Chief Minister Diya Kumari) के छोटे बेटे लक्ष्यराज प्रकाश ने ‘‘महाराजा राजेंद्र प्रकाश फाउंडेशन’’ के बैनर तले अंतिम शासक की स्मृति में 8 से 10 जनवरी तक चौगान मैदान (Chowgan Ground of Nahan) में फुटबॉल टूर्नामेंट (football tournament) आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए वो विशेष तौर पर जयपुर से रविवार शाम नाहन पहुंच गए थे।
रविवार शाम नाहन के शाही महल में पहुंचते ही 19 वर्षीय लक्ष्यराज प्रकाश मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि महाराजा राजेंद्र प्रकाश फाउंडेशन (Maharaja Rajendra Prakash Foundation) के तत्वाधान में फुटबॉल टूर्नामेंट (football tournament) आयोजित किया जा रहा है। प्रतियोगिता के बारे में गहरी उत्सुकता व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रतियोगिता में 8 टीमें हिस्सा ले रही हैं।
एक प्रश्न के जवाब में लक्ष्यराज प्रकाश ने कहा कि वो भी एक खिलाड़ी के तौर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। विशेष तौर पर दोस्त भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जयपुर से आए हैं। उन्होंने बताया कि महाराजा राजेंद्र प्रकाश की स्मृति में नाहन के रॉयल पैलेस में 11 जनवरी को महाराजा राजेंद्र प्रकाश मैमोरियल पुरस्कार समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन व उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जल्द ही सिरमौर रियासत के महल को आम लोगों के लिए भी खोला जाएगा, साथ ही शहर के हेरिटेज को विश्व मानचित्र पर लाने का प्रयास होगा। बेहद ही क्यूटनेस से मीडिया के सवालों का सामना करते हुए लक्ष्यराज ने कहा कि वो इंगलैंड में पढ़ाई कर रहे हैं। जब भी वो छुट्टियों में आते हैं, तो पहला कार्यक्रम नाहन आने का ही बनाते हैं। लक्ष्यराज ने कहा कि वो सिरमौर खासकर नाहनवासियों से मेलजोल भरे स्वभाव से बेहद ही प्रभावित हैं।
राजनीति को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि अभी तो बहुत छोटा हूं, पढ़ाई कर रहा हूं। मैं अपनी मम्मा पर गर्व महसूस करता हूं। इतना जरूर है कि बचपन से ही राजनीति देखी है। लक्ष्यराज ने कहा कि फाउंडेशन द्वारा हर साल फुटबॉल टूर्नामेंट के अलावा सम्मान समारोहों को आयोजन किया जाएगा।
गौरतलब है कि 11 जनवरी को अंतिम शासक की जयंती है। यूके में पढ़ाई कर रहे लक्ष्यराज प्रकाश भी नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान में फुटबॉल खेलने को लेकर खासे उत्साहित नजर आए। एक अन्य सवाल के जवाब में लक्ष्यराज ने ये भी कहा कि पेरिस में आयोजित एक इवेंट में सिरमौर के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया था। इस दौरान विश्व के अन्य देशों के राज परिवारों के सदस्यों को सिरमौर की संस्कृति के बारे में जानकारी देने का भी अवसर मिला था।
16 मई, 2013 को नाहन के शाही महल में लक्ष्यराज का मंगलतिलक हुआ था। इससे पहले लक्ष्यराज के गौत्र को भी बदला गया था। चूंकि उस समय लक्ष्यराज की उम्र महज 9 साल थी, लिहाजा सिरमौर के राजपरिवार के सदस्य व पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह को कस्टोडियन की जिम्मेदारी भी दी गई थी। तकरीबन 5 महीने पहले सिरमौर रियासत के मुखिया लक्ष्यराज प्रकाश अपनी नानी व राजमाता पदमिनी देवी (The Padmini Devi) के साथ नाहन आए थे। अप्रैल 2022 में भी लक्ष्यराज का नाहन आना हुआ था।
रविवार को शाही महल के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर खासी हलचल भी नजर आई। उल्लेखनीय है कि लक्ष्यराज के बड़े भाई पदमनाभ सिंह (Padmanabh Singh) को जयपुर के राजघराने का वारिस घोषित किया गया है। 1964 में अंतिम शासक का देहांत देहरादून में हो गया था। इसके बाद महल सुनसान ही रहता था। 2013 में लक्ष्यराज प्रकाश को सिरमौर रियासत का महाराज बनाया गया। इसके बाद से जयपुर के राजघराने का महल में आना-जाना लगातार जारी रहा।
तकरीबन एक साल पहले पेरिस में एक इवेंट आयोजित हुई थी, इसमें दुनिया भर के 20 राज परिवारों के बच्चों को परिचित करवाया जाता है। इस दौरान लक्ष्यराज प्रकाश ने नॉर्वे की राजकुमारी के साथ डांस किया था। इवेंट में लक्ष्यराज प्रकाश ने सिरमौर रियासत का प्रतिनिधित्व किया था। पत्रकार वार्ता के दौरान राजपरिवार के सदस्य कंवर अजय बहादुर सिंह व महाराजा नरेंद्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।