शिमला, 03 जनवरी : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High court) ने सीपीएस मामले में सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने बताया कि सरकार की ओर से नियुक्त मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) न तो मंत्रियों की तरह काम करेंगे और न ही वे मंत्रियों वाली सुविधाओं को लेंगे। मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। भाजपा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सतपाल जैन ने मीडिया को यह जानकारी दी। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने ये आदेश पारित किए।
उधर मामले को लेकर सरकार की ओर से नियुक्त महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि इसको लेकर पहले हाईकोर्ट को स्पष्ट कर दिया गया था कि चीफ़ पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी से वह किसी भी प्रकार से मंत्रियो का कार्य नहीं कर रहे हैं वह सिर्फ त्रियो को उनके कार्य में एसिस्ट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि याचिका कर्ता ने एक मामला असम की जजमेंटल दी है लेकिन यह मामला उसकी तरह बिल्कुल नहीं है या उससे मिलता-जुलता मामला बिल्कुल भी नहीं है। असम में सीपीएस को मिनिस्टर का स्टेटस दिया गया है। हिमाचल में ऐसा कुछ नहीं है।