शिमला, 31 दिसंबर : साल 2023 कई मायनों में हिमाचल प्रदेश के लिए खास रहा। मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का पहले वर्ष का कार्यकाल, मानसून सीजन में आपदा से हुई भारी तबाही व हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण ने पहाड़ी राज्य को इस साल सुर्खियों में रखा। इसके अलावा शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की धमाकेदार जीत व सरकार की गारंटियों के मुद्दे भी प्रमुखता से छाए रहे। गुजरे साल में आसमानी आफत व तबाही का भयानक मंजर आपदाग्रस्त इलाकों के लोगों को गहरे जख्म दे गया।
हिमाचल ने देखी कई दशकों की सबसे बड़ी त्रासदी, आपदा से सैंकड़ों मौतें, हज़ारों घर गिरे
मानसून सीजन में आई आपदा ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई। हिमाचल ने पिछले कई दशकों की सबसे बड़ी त्रासदी देखी। जुलाई से सितम्बर महीने तक प्रदेश में मूसलाधार वर्षा, बादल फटने, बाढ़ तथा भूस्खलन की घटनाओं में सैंकड़ों लोग हताहत हुए और कुछ लापता भी हो गए। कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में बाढ़ व भूस्खलन ने इस कदर कहर बरपाया कि देश भर में हिमाचल की आपदा की चर्चा होने लगी। हिमाचल से आपदा की डरावनी तस्वीरों ने लोगों को हिला कर रख दिया। मौजूदा सरकार ने दावा किया कि हिमाचल बनने के बाद पहली बार ऐसी आपदा आई है। मानसूनी आपदा से प्रदेश में करीब 500 लोगों की मौतें हुईं जबकि दो हज़ार से अधिक मकान तबाह हो गए।
राज्य सरकार के मुताबिक इस त्रासदी से लगभग 10 हज़ार करोड़ की संपति तबाह हुई। मंडी और कुल्लु जिलों में उफनती व्यास नदी ने कोहराम मचा दिया। गांव से लेकर बाजार तक बाढ़ में जलमग्न हो गए। कई नेशनल हाइवे व संपर्क सड़कों को बाढ़ व भूस्खलन ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। ग्रामीण इलाकों में कई दिन तक बिजली व पानी की आपूर्ति ठप रही। जुलाई माह में कुल्लू में आई आपदा में सैंकड़ों सैलानी फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर बचाव अभियान चलाया। शिमला के समरहिल में भूस्खलन ने शिव पावड़ी मंदिर को तबाह कर दिया। इस हादसे में मंदिर में मौजूद 20 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हुई। 13 दिन तक चले सर्च ऑपरेशन में उनके शव बरामद हुए। भूस्खलन ने शिमला-कालका रेल ट्रैक को भी तबाह कर दिया। शिमला और कुल्लू जिलों में कई भवन भरभराकर गिर गए।
हिमाचल में तबाही का मंजर देखकर कई राज्यों की सरकार ने सुक्खू सरकार को वितीय मदद भेजी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने आपदा का दृढ़ता से सामना करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई और केंद्र सरकार से हिमाचल की आपदा को डिजास्टर घोषित करने की मांग की। सुक्खू सरकार ने केंद्र सरकार पर आपदा प्रभावितों के लिए पर्याप्त धनराशि न देने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने आपदा प्रभावितों के लिए 4 हज़ार करोड़ के विशेष पैकेज का एलान किया। आपदा ने हिमाचल के पर्यटन कारोबार को बुरी तरह प्रभावित किया।
एक हज़ार संस्थानों को बंद करने पर भाजपा आगबबूला
सियासी तौर पर यह साल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के व्यवस्था परिवर्तन के नारे, भाजपा शासन में खुले संस्थानों में तालाबंदी और कांग्रेस सरकार की गारंटियों के लिए याद रखा जाएगा। साल के शुरुआत में सुक्खू सरकार ने करीब एक हज़ार ऐसे संस्थानों को बंद करने का फरमान सुनाया, जिन्हें पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव से कुछ माह पहले खोला था। सीएम सुक्खू का तर्क रहा कि भाजपा ने बिना बजट प्रावधान के इन संस्थानों को खोला था। इस पर विपक्षी भाजपा ने खूब हंगामा किया और सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया। सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर प्रदेश को कर्ज़ के बोझ तले दबाने का भी आरोप जड़ा।
सीमेंट प्लांट विवाद ने बढ़ाई सुक्खू सरकार की परेशानी, दो माह बाद सुलझा विवाद
सत्ता संभालते ही सरकार के लिए सीमेंट प्लांट विवाद दो माह तक सुक्खू सरकार के लिए सिरदर्द बना रहा। सीमेंट ढुलाई की दरों को लेकर चल रहा विवाद 69वें दिन सुलझ पाया। सीमेंट ढुलाई की दरें 12 फीसदी तक कम की गईं। नई दरें 10.30 और 9.30 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति मीट्रिक टन तय हुईं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता में ट्रक ऑपरेटर और अदाणी समूह नई दरों पर सहमत हुए। इसके बाद बिलासपुर के बरमाणा में एसीसी और सोलन के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांटों में उत्पादन फिर से चालू हो पाया। ट्रक ऑपरेटरों के आंदोलन से प्रदेश सरकार को करीब 250 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
सियासी तौर पर मजबूत हुए सीएम सुक्खू, कर्मचारियों को मिला ओपीएस
इस साल मुख्यमंत्री सुक्खू सियासी तौर पर मजबूत बनकर उभरे। उनके फैसलों में दूरदर्षिता और आत्मनिर्भर हिमाचल की झलक नजर आई। हिमाचल में साल 2023 सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात लेकर आया। उनकी कई सालों से चली आ रही ओपीएस की मांग पूरी हुई। सुक्खू सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर चुनाव से पूर्व कर्मचारियों से किए गए अपनी सबसे बड़ी गारंटी को पूरा किया। लेकिन अन्य गारंटियों को लागू न करने पर सुक्खू सरकार विपक्षी भाजपा के निशाने पर रही। बेरोजगारी और महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटियों को अमलीजामा न पहनाने पर भाजपा सदन के अंदर-बाहर लगातार सरकार की घेराबंदी करती रही।
अनाथ व बेसहारा बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना
अपनी सरकार के पहले बजट में मुख्यमंत्री सुक्खू ने अनाथ व बेसहारा बच्चों के लिए 100 करोड़ की सुखाश्रय योजना की घोषणा की। पहली बार सीएम बने सुक्खू का अनाथ व बेसहारा बच्चों के प्रति लगाव नजर आया और उन्होंने ऐसे बच्चों के भरण-पोषण के लिए 100 करोड़ की सुखाश्रय योजना की घोषणा की। इस योजना ने खूब वाहवाही लूटी। हिमाचल में पहली मर्तबा इस तरह की योजना लाई गई।
शिमला नगर निगम चुनाव में मिली धमाकेदार जीत, सुक्खू का बढ़ा कद
मुख्यमंत्री बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी पहली चुनावी अग्निपरीक्षा में सफल हुए। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गठन के चार माह बाद हुए शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली। मई महीने में 34 वार्डो में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 24 वार्डों में जीत का परचम लहराकर पूर्ण बहुमत हासिल किया। वहीं भाजपा दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई है। भाजपा ने 9 वार्डों में जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मेयर सत्या कौंडल भी चुनाव हार गई, जबकि माकपा को एक सीट पर जीत मिली। सीएम सुक्खू के करीबी सुरेंद्र चौहान को मेयर और उमा कौशल को डिप्टी मेयर बनाया गया।
सुर्खियों में रहा पेपर लीक का मुद्दा
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक का मुद्दा साल भर सुर्खियों में रहा। एसआईटी ने चयन आयोग के पूर्व सचिव सहित कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। पेपर लीक के मुख्य आरोपी चयन आयोग में तैनात एक महिला कर्मचारी को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि लाखों रुपये में पेपर बेचे जाते थे और यह खेल लंबे समय से चल रहा था। इस कारनामे की परतें खुलने पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने फरवरी महीने में चयन आयोग के अस्तित्व को खत्म करते हुए इसे भंग कर दिया। राज्य सरकार ने सितंबर महीने में राज्य चयन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की और इसका मुख्यालय हमीरपुर में ही रखा। नए चयन आयोग का गठन पूर्व आईएएस अधिकारी दीपक सानन की कमेटी की सिफारिशों के आधार पर किया गया और सरकार ने दावा किया कि नए आयोग में पेपर लीक की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
सुक्खू सरकार का एक साल का जश्न, दो मंत्रियों की ताजपोशी
सुक्खू सरकार ने अपने एक साल पूरे होने का जश्न कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में मनाया। हालांकि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व इस समारोह से नदारद रहा, जिस पर भाजपा ने खूब तंज कसा। सुक्खू सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में बिलासपुर और कांगड़ा जिलों को प्रतिनिधित्व मिला। बिलासपुर जिला के घुमारवीं से राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा को मंत्री पद से नवाजा गया। वहीं विधानसभा उपाध्यक्ष पर सिरमौर के रेणूका के कांग्रेस विधायक विनय कुमार की ताजपोशी हुई।
हाईकोर के डीजीपी और एसपी को हटाने के फरमान
प्रदेश में पहली बार हाईकोर्ट ने डीजीपी को वर्तमान पद से हटाने का फरमान सुनाया। पालमपुर के एक कारोबारी के कथित उत्पीड़न मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को वर्तमान पदों से स्थानांतरित करने का आदेश दिया। कारोबारी के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गृह सचिव को आदेश दिए कि दोनों आईपीएस अधिकारियों को ऐसे पदों पर तैनात करें जहां से वे जांच को प्रभावित न कर सकें।
चंबा में हिन्दू युवक की नृशंस हत्या से सड़कों पर भाजपा
चंबा में हिन्दू युवक की नृशंस हत्या का मामला भी खूब गुंजा। एक विशेष समुदाय के लोगों पर युवक की हत्या का आरोप लगा। इस मुद्दे पर भाजपा ने सभी जिला मुख्यालयों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हुआ करोड़ों का फ्राड
हिमाचल प्रदेश में इस साल क्रिप्टो करेंसी के नाम पर भोले-भाले लोगों से बड़ी ठगी की गई। इस फ्राड में करीब एक लाख लोगों को टारगेट किया गया और इसमें करीब ढाई लाख आईडी बनाकर बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया। ठगी की कुल रकम 2500 करोड़ आंकी गई। एसआईटी ने 4 पुलिस कर्मचारियों समेत अब तक 18 आरोपी गिरफ्तार किए हैं। वहीं 12 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है।